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सेना दिवस के अवसर पर जींद के 51 युवाओं ने किया देह दान का फैसला - जींद युवक देह दान

सेना दिवस के अवसर पर जींद में 51 युवाओं ने देह दान करने का फैसला लिया है. युवाओं का कहना है कि मरने के बाद अगर शरीर किसी के काम आ जाए. तो इससे अच्छा जीवन में कुछ नहीं हो सकता.

jind youth donated body on the occasion of Army Day
सेना दिवस के अवसर पर जींद के 51 युवाओं ने किया देह दान
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Published : Jan 15, 2021, 4:46 PM IST

जींद: 73वें सेना दिवस के अवसर पर जींद के युवाओं ने एक अनोखी पहल की है. जिले के हाडवा गांव निवासी 25 साल के राहुल ने युवाओं में नई चेतना जगाने के लिए एक अभियान चलाया है. जिसके तहत राहुल ने करीब एक महीने में 51 ऐसे युवाओं को तैयार किया है. जिन्होंने अपना देह दान करने का फैसला किया है. इसके लिए सभी युवाओं ने दिल्ली की एक संस्था के साथ जुड़कर शरीर दान करने के फॉर्म भर दिए हैं.

मूल रूप से हाडवा गांव के रहने वाले राहुल फिलहाल जींद में रहते हैं और रोहतक के सीआर कॉलेज से कानून की पढ़ाई कर रहे हैं. राहुल ने बताया कि लंबे समय से उनके मन में एक बात चल रही थी कि मरने के बाद व्यक्ति के शरीर को जला दिया जाता है. ये किसी के काम आ सकता है. ये विचार मन में ही रहा. समाज की सीमाओं के चलते उन्होंने इसे किसी के साथ सांझा नहीं किया.

दोस्तों ने बढ़ाया राहुल का हौसला

करीब एक महीने पहले राहुल ने अपने दोस्तों के साथ बातचीत शुरू की तो इसके सकारात्मक परिणाम आए. राहुल के अनुसार जब उन्होंने इसको लेकर अपने दोस्तों से विचार सांझा किए. तो दोस्तों ने उनके विचार की सराहना की और इस अभियान से जुड़ने की इच्छा जताई. इससे काफी हौसला मिला. अब 51 ऐसे लोग तैयार हैं. जो अपना शरीर दान करने के फॉर्म भर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: ये ज्ञानचंद गुप्ता और बीजेपी वाले कच्छाधारी लोग बहुत बदमाश हैं: अभय चौटाला

सेना दिवस के उपलक्ष्य में की शुरुआत

राहुल ने कहा कि 15 जनवरी को सेना दिवस होता है और इसके उपलक्ष्य में ये अभियान बुधवार को शुरू किया गया है. भविष्य में भी शहीदों की जयंती व शहादत दिवस पर ये आवेदन किए जाएंगे. इसके अलावा अभियान लगातार जारी रहेगा. इसके लिए फेसबुक पेज पर ऐसे लोगों को जोड़ा जाएगा, जो अंग दान करना चाहते हैं.

जींद: 73वें सेना दिवस के अवसर पर जींद के युवाओं ने एक अनोखी पहल की है. जिले के हाडवा गांव निवासी 25 साल के राहुल ने युवाओं में नई चेतना जगाने के लिए एक अभियान चलाया है. जिसके तहत राहुल ने करीब एक महीने में 51 ऐसे युवाओं को तैयार किया है. जिन्होंने अपना देह दान करने का फैसला किया है. इसके लिए सभी युवाओं ने दिल्ली की एक संस्था के साथ जुड़कर शरीर दान करने के फॉर्म भर दिए हैं.

मूल रूप से हाडवा गांव के रहने वाले राहुल फिलहाल जींद में रहते हैं और रोहतक के सीआर कॉलेज से कानून की पढ़ाई कर रहे हैं. राहुल ने बताया कि लंबे समय से उनके मन में एक बात चल रही थी कि मरने के बाद व्यक्ति के शरीर को जला दिया जाता है. ये किसी के काम आ सकता है. ये विचार मन में ही रहा. समाज की सीमाओं के चलते उन्होंने इसे किसी के साथ सांझा नहीं किया.

दोस्तों ने बढ़ाया राहुल का हौसला

करीब एक महीने पहले राहुल ने अपने दोस्तों के साथ बातचीत शुरू की तो इसके सकारात्मक परिणाम आए. राहुल के अनुसार जब उन्होंने इसको लेकर अपने दोस्तों से विचार सांझा किए. तो दोस्तों ने उनके विचार की सराहना की और इस अभियान से जुड़ने की इच्छा जताई. इससे काफी हौसला मिला. अब 51 ऐसे लोग तैयार हैं. जो अपना शरीर दान करने के फॉर्म भर दिए हैं.

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सेना दिवस के उपलक्ष्य में की शुरुआत

राहुल ने कहा कि 15 जनवरी को सेना दिवस होता है और इसके उपलक्ष्य में ये अभियान बुधवार को शुरू किया गया है. भविष्य में भी शहीदों की जयंती व शहादत दिवस पर ये आवेदन किए जाएंगे. इसके अलावा अभियान लगातार जारी रहेगा. इसके लिए फेसबुक पेज पर ऐसे लोगों को जोड़ा जाएगा, जो अंग दान करना चाहते हैं.

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