जींद: हरियाणा के किसान प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं. शनिवार को जींद में किसानों की एक राज्यस्तरीय बैठक हुई. जिसमें किसानों ने फैसला लिया कि हिसार के बरवाला में पांच अक्टूबर को राज्य स्तरीय रैली की जाएगी. जिसके बाद सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया जाएगा.
किसानों ने कहा कि उस महापंचायत में खराब हुई कपास की फसल के मुआवजे, बिजली के कनेक्शन और कुरुक्षेत्र में हुए लाठीचार्ज के खिलाफ रणनीति बनाई जाएगी. किसानों ने ऐलान किया अब वे सरकार के खिलाफ लंबे संघर्ष के लिए तैयार होंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसानों की मांग है कि अगर उनकी मांगे लागू नहीं की गई. तो सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. किसानों ने लिया फैसला है कि पीपली मे किसानों पर जो लाठी जार्ज किया गया है. उसका बदला लिया जाएगा.
किसान नेता ने कहा कि कपास की नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिया जाए. 80 हजार किसान खेतों में बिजली के कनेक्शन से वंचित है. बीजेपी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि सरकार बीमा की बात करती थी. किसी को बीमा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा की सरकार किसानो को बरगलाने का काम कर रही है. 5 अक्टूबर को इस महापंचायत के मुख्य मुद्दों में खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा, बिजली के कनेक्शन और कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज आदि मामले शामिल रहेंगे. सरकार के विरोध में इसे शक्ति प्रदर्शन भी कह सकते हैं.
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