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जींद में महिलाओं ने फूल बरसा और तिलक लगाकर किसानों को किया दिल्ली रवाना - किसान ट्रैक्टर परेड 26 जनवरी

महिलाओं ने किसानों को फूल बरसा और तिलक लगाकर दिल्ली के लिए रवाना किया. किसानों को तिलक लगाने वाली महिलाओं ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं होते. तब तक किसान दिल्ली से नहीं लौटेंगे.

farmers tractor parade delhi
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Published : Jan 24, 2021, 7:58 PM IST

जींद: महिलाओं ने किसानों को फूल बरसा और तिलक लगाकर दिल्ली के लिए रवाना किया. 26 जनवरी को किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने जा रहे हैं. इसी ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए जींद के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ भारी मात्रा में दिल्ली के रवाना हुए.

किसानों को तिलक लगाने वाली महिलाओं ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं होते. तब तक किसान दिल्ली से नहीं लौटेंगे. महिलाओं ने कहा कि किसानों की गैर मौजूदगी में वो घरेलू कामकाज के साथ खेतीबाड़ी को भी संभालेंगी.

'जबतक कानून रद्द नहीं होते किसान दिल्ली से नहीं लौटेंगे'

महिलाओं ने किसानों से कहा कि वो घरों की बिल्कुल भी चिंता ना करें. जींद के अलग-अलग गांवों से हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए. ये किसान क़रीब दो महीने का राशन और अन्य सामग्री लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. किसानों का कहना है कि जबतक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते. तब तक वो दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे.

ट्रैक्टर चलाने वाली महिला किसानों ने कहा कि हमें आज एकजुट होने की जरूरत है. महिला ने कहा कि यह पहल नागरिकों द्वारा की गई है. इसलिए वह बहुत खुश है कि आज ग्रामीणों के साथ शहर वासी भी खड़े है. वाहनों में पहुंची शहर की महिलाओं ने कहा कि यह आंदोलन सभी का सांझा आंदोलन है और सभी को इसमें योगदान देने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- करनाल: किसान परेड के लिए मुफ्त में ट्रैक्टर की रिपेयरिंग करने में लगा दरड़ गांव का मकैनिक

उन्होंने कहा कि इन कानूनों से महंगाई बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जो आटा आज 20 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है, वह 100 रुपये प्रति किलोग्राम होगा. मार्च के आयोजक दविंदर सिंह ने कहा कि शहर में ट्रैफिक की समस्या न हो, इसलिए मोटरसाइकिल, वाहनों और ट्रैक्टरों के काफिले के साथ बाहरी शहर में मार्च निकाला गया.

जींद: महिलाओं ने किसानों को फूल बरसा और तिलक लगाकर दिल्ली के लिए रवाना किया. 26 जनवरी को किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने जा रहे हैं. इसी ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए जींद के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ भारी मात्रा में दिल्ली के रवाना हुए.

किसानों को तिलक लगाने वाली महिलाओं ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं होते. तब तक किसान दिल्ली से नहीं लौटेंगे. महिलाओं ने कहा कि किसानों की गैर मौजूदगी में वो घरेलू कामकाज के साथ खेतीबाड़ी को भी संभालेंगी.

'जबतक कानून रद्द नहीं होते किसान दिल्ली से नहीं लौटेंगे'

महिलाओं ने किसानों से कहा कि वो घरों की बिल्कुल भी चिंता ना करें. जींद के अलग-अलग गांवों से हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए. ये किसान क़रीब दो महीने का राशन और अन्य सामग्री लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. किसानों का कहना है कि जबतक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते. तब तक वो दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे.

ट्रैक्टर चलाने वाली महिला किसानों ने कहा कि हमें आज एकजुट होने की जरूरत है. महिला ने कहा कि यह पहल नागरिकों द्वारा की गई है. इसलिए वह बहुत खुश है कि आज ग्रामीणों के साथ शहर वासी भी खड़े है. वाहनों में पहुंची शहर की महिलाओं ने कहा कि यह आंदोलन सभी का सांझा आंदोलन है और सभी को इसमें योगदान देने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा कि इन कानूनों से महंगाई बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जो आटा आज 20 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है, वह 100 रुपये प्रति किलोग्राम होगा. मार्च के आयोजक दविंदर सिंह ने कहा कि शहर में ट्रैफिक की समस्या न हो, इसलिए मोटरसाइकिल, वाहनों और ट्रैक्टरों के काफिले के साथ बाहरी शहर में मार्च निकाला गया.

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