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जींद: किसानों की पेमेंट में देरी पर नोटिस, आढ़तियों ने सरकार पर लगाए आरोप - जींद आढ़ती सरकार आरोप

जींद के कई आढ़तियों को सरकार की ओर से नोटिस भेजा गया है. ये नोटिस किसानों की पेमेंट देरी से करने पर दिया गया है. नोटिस को लेकर आढ़तियों में ना सिर्फ रोष है वो बल्कि सरकार पर ही उल्टा आरोप लगा रहे हैं.

aadhti allegations on haryana government regarding notice for payment delay
किसानों की पेमेंट में देरी पर नोटिस, आढ़तियों ने सरकार पर ही लगाए आरोप
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Published : Jul 29, 2020, 2:05 PM IST

जींद: गेहूं की खरीद की पेमेंट का भुगतान आढ़ती की ओर से 2 महीने देरी से किए जाने पर सरकार ने जींद की अनाज मंडी के आढ़तियों को नोटिस भेजा है. नोटिस भेजे जाने से आढ़तियों में सरकार के प्रति रोष देखने को मिल रहा है. आढ़ती पेमेंट देने में देरी को सरकार की खामी बता रहे हैं.

जींद अनाज मंडी के आढ़तियों का कहना है कि किसानों की गेहूं की खरीद की पेमेंट सरकार की ओर से ही देरी से की गई थी. उन्होंने एक-दो दिन की देरी की है. उसमें भी सरकार की पोर्टल नीति के चलते और तकनीकी कारणों से पेमेंट में देरी हुई है, क्योंकि सरकार अगर पुरानी पद्धति के अनुसार आढ़तियों के जरिए किसानों की फसल खरीदने की प्रथा रखती तो किसान को किसी भी तरह की कोई भी परेशानी ना होती.

जींद के आढ़तियों ने सरकार पर लगाए आरोप

उन्होंने कहा कि अब गेहूं की खरीद में सरकार ने पोर्टल प्रणाली लागू करके आढ़ती और किसान के रिश्ते को तोड़ने की कोशिश की है और किसान की पेमेंट का भुगतान जो देरी से हुआ है उसकी सरकार ही जिम्मेदार है. उनका कहना है कि सरकार उनसे जो ब्याज वसूली की बात नोटिस के जरिए कह रही है. वो सरासर गलत है, जबकि सरकार को आढ़तियों को ही ब्याज देना चाहिए.

ये भी पढ़िए: हिन्दुस्तान के दुश्मनों के लिए राफेल का बस नाम ही काफी है- अनिल विज

गौरतलब है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुताबिक अगर किसी आढती ने एक दिन भी किसान की पेमेंट लेट की है तो उन्हें भी ब्याज का भुगतान करते हुए किसानों के खाते में बकाया पेमेंट का भुगतान करना होगा. हर आढ़ती को 15 फीसद वार्षिक दर से किसान को ब्याज देना होगा.

जींद: गेहूं की खरीद की पेमेंट का भुगतान आढ़ती की ओर से 2 महीने देरी से किए जाने पर सरकार ने जींद की अनाज मंडी के आढ़तियों को नोटिस भेजा है. नोटिस भेजे जाने से आढ़तियों में सरकार के प्रति रोष देखने को मिल रहा है. आढ़ती पेमेंट देने में देरी को सरकार की खामी बता रहे हैं.

जींद अनाज मंडी के आढ़तियों का कहना है कि किसानों की गेहूं की खरीद की पेमेंट सरकार की ओर से ही देरी से की गई थी. उन्होंने एक-दो दिन की देरी की है. उसमें भी सरकार की पोर्टल नीति के चलते और तकनीकी कारणों से पेमेंट में देरी हुई है, क्योंकि सरकार अगर पुरानी पद्धति के अनुसार आढ़तियों के जरिए किसानों की फसल खरीदने की प्रथा रखती तो किसान को किसी भी तरह की कोई भी परेशानी ना होती.

जींद के आढ़तियों ने सरकार पर लगाए आरोप

उन्होंने कहा कि अब गेहूं की खरीद में सरकार ने पोर्टल प्रणाली लागू करके आढ़ती और किसान के रिश्ते को तोड़ने की कोशिश की है और किसान की पेमेंट का भुगतान जो देरी से हुआ है उसकी सरकार ही जिम्मेदार है. उनका कहना है कि सरकार उनसे जो ब्याज वसूली की बात नोटिस के जरिए कह रही है. वो सरासर गलत है, जबकि सरकार को आढ़तियों को ही ब्याज देना चाहिए.

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गौरतलब है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुताबिक अगर किसी आढती ने एक दिन भी किसान की पेमेंट लेट की है तो उन्हें भी ब्याज का भुगतान करते हुए किसानों के खाते में बकाया पेमेंट का भुगतान करना होगा. हर आढ़ती को 15 फीसद वार्षिक दर से किसान को ब्याज देना होगा.

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