जींद: इस धरती पर जन्में अगर किसी भी इंसान से ये पूछा जाए. कि उसे सबसे ज्यादा लाड़-प्यार किससे मिला है?. तो इसमें कोई हैरानी नहीं कि वो अपने माता-पिता का नाम ले. हर धर्म में माता-पिता को ईश्वर का दर्ज दिया जाता है. लेकिन जींद में रहने वाले एक शख्स ने ऐसी करतूत का खुलासा हुआ है कि जिसे सुनकर भरोसा कर पाना असंभव लगता है.
कलयुगी बाप ने की 5 बच्चों की हत्या
जींद के गांव डिडवाड़ा में एक शख्स ने अपनी ही चार मासूम बेटियों और एक बेटे की हत्या का गुनाह कबूल किया है. इस शख्स की कभी ना माफ किए जा सकने वाली इस करतूत की खबर जिसने भी सुनी वो दंग है, लेकिन इस गुनाह की दास्तां में बस इतना ही नहीं है. पांचों बच्चों की हत्या के बाद कुछ ऐसा भी हुआ जिसे जान कर लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.
आरोपी ने ऐसे दिया वारदात को अंजाम
इस हैवानियत की कहानी में इतनी गुत्थियां है. कि इसे समझने के लिए आज से करीब साढे चार साल पहले जाना होगा. आरोपी जुम्मादीन ने अपने कबूलनामे में बताया कि उसने साढे चार साल पहले अपनी लड़की की गला घौट कर हत्या की थी, ग्रामीणों को बताया कि उसकी बेटी बीमार थी, जिस वजह से उसकी मौत हो गई. इसके बाद वो कुछ दिनों तक शांत रहा. और फिर करीब डेढ़ साल बाद उसने अपने तीन साल के बेटे और चार साल की लड़की की जहर देकर हत्या कर दी. दोनों बच्चों की हत्या करने बाद उसने अपने परिवार और ग्रामीणों को फिर बहका दिया. इस साल जुलाई में उसने फिर रात को सोती हुई अपनी दो बेटियों की हत्या कर दी. और फिर मोटर साइकिल पर बांध कर नहर में फैंक आया.
पांच बच्चों की मौत के बाद पत्नी को हुआ शक
इस बार जुम्माद्दीन पर उसकी पत्नी को शक हुआ. उसे एहसास हुआ कि उसके बच्चों का कातिल उसी का पति है. उसने अपनी कोख में पल रहे बच्चे की भी फिक्र हुई. उसने आवाज उठाई. और तब जाकर जुम्मादिन के शैतानी करतूत का खुलासा हुआ.
सबूत इकट्ठा करने में पुलिस के छूटे पसीने
हालांकि जुम्माद्दीन ने पुलिस के सामने अपने गुनाह तो कबूल कर चुका है. लेकिन कोर्ट सबूत मांगता है. और पुलिस को उसके खिलाफ सबूत इकट्ठे करने में खून-पसीना एक करना पड़ेगा. पुलिस जुम्माद्दीन को गांव के कब्रिस्तान में उस जगह की निशानदेही के लिए लेकर गई. जहां पर हत्या के बाद तीन बच्चों को दफन किया गया था, लेकिन जुम्माद्दीन और उसके परिजन कब्रों की निशानदेही नहीं कर पाए, जबकि उन्होंने अपने हाथों से मासूमों को मिट्टी दी थी. दो घंटे तक मात्थापच्ची करने के बाद पुलिस टीम को खाली हाथ ही वापस जाना पड़ा.
जुम्माद्दीन की बातों में घूमती रही पुलिस, उलझा केस
जुम्माद्दीन हर बार पूछताछ में नई कहानी उगल रहा है, जिसकी वजह से पुलिस किसी वाजिब मोड तक नहीं पहुंच पा रही है. शुरुआती पूछताछ में आरोपी जुम्माद्दीन ने परिवार की खस्ता हालात बताई थी.. फिर मामले में भटकाव आया तो मामला कैथल के तांत्रिक से जोड़ दिया गया. उसके बाद पूछताछ के बाद मामला ससुर मौलवी से जोड़ा गया. मामला वहां से भी भटका तो साली के साथ प्रेम संबंधों के कनेक्शन से जुड़ गया, लेकिन पुलिस का कहना है कि अभी ऐसा कुछ निकलकर नहीं आया है. ये फिर उसकी नई कहानी है.
मानसिक रूप से स्वस्थ है जुम्माद्दीन- एसपी
इस मामले की जांच कर रहे एएसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि जुम्मा दिन की हमने 7 दिन तक पुलिस रिमांड लेकर मामले की पूछताछ की. पूछताछ के दौरान इसकी मानसिक स्थिति जानने मानसिक रोग विशेषज्ञ की भी सहायता ली गई. साइकोलॉजिस्ट ने एक कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट दी है, लेकिन आरोपी ने इन सारी वारदातों को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया है. आरोपी मानसिक तौर पर स्वस्थ है.
जुम्माद्दीन की मानसिक स्थिति पर अस्पष्ट विशेषज्ञ
पुलिस के बयानों को सुने के बाद ईटीवी भारत की टीम मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संकल्प से भी मिली. जिन्होंने जुम्माद्दीन की जांच की थी. डॉक्टर संकल्प के मुताबिक किसी मरीज को कम से कम 15 दिन हायर साइकोलॉजिकल सेंटर में एडमिट किया जाना जरूरी है. तभी उसकी सही स्थिति के बारे में पता चल सकता है, लेकिन जहां तक जुम्माद्दीन की बात है वो बार-बार अपने बयान चेंज कर रहा है, इसे इंपल्सिव पर्सनैलिटी भी कहा जाता है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही इसकी सही स्थिति बताई जा सकती है.
इंसाफ का इंतजार, क्या पुलिस को मिलेगा सुराग?
5 अगस्त को जुम्माद्दीन की पत्नी फिर मां बनी. उसने एक लड़के को जन्म दिया है. आज जुम्माद्दीन सलाखों के पीछे है. अपने ही पांच बच्चों की हत्या के मामले में, जुम्माद्दीन के बदलू स्टेटमेंट ने सभी को बुरी तरह उलझा दिया है. आज भी ये राज-राज ही बना है कि उसने असल में किस परिस्थिति में और क्यों इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया. फिलहाल पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में लगी है. ताकि उन पांच नन्हें बच्चों को इंसाफ मिल पाए.
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