झज्जर: महाराष्ट्र के शिरडी से उपचार के लिए आई एक गाय को झज्जर नवजीवन देगा. इस गाय के शिरडी के पास के एक गांव से आई है. करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर एम्बुलेंस से झज्जर की गोकुलधाम गोशाला में उपचार के लिए लाया गया है.
गाय का ईलाज कर रहे डॉक्टर के अनुसार गाय चलने फिरने में असमर्थ है और उसे फिलहाल वेंटीलेटर पर रखा गया है. चिकित्सकों का कहना है कि वेंटीलेटर पर घायल गाय का उपचार किया जा रहा है और यह गाय दस दिनों के भीतर अपने पांव पर खुद चल सकेगी.
फोन पर मिली थी सूचना, भेज दी एंबुलेंस
प्रबन्धन के अनुसार झज्जर के ही गांव महराना का राजेश नाम का युवक शिरडी में पंजाब-हरियाणा जनता ढाबा के नाम से होटल चलाता है. उसने ही फोन पर झज्जर में गोकुलधाम गोशाला प्रबन्धन को इस गाय के घायल होने की सूचना दी थी. सूचना के बाद ही गोकुलधाम गोशाला से इस घायल गाय को लाने के लिए एम्बूलेंस भेजी गई थी. घायल गाय महाराष्ट्र के शिरडी में करीब 35 किलोमीटर दूर गांव माल्या के एक मंदिर में थी. वहीं से ही इस गाय को एम्बूलेंस की तरफ से झज्जर लाया गया है.
जहां भी घायल गाय की सूचना मिलती है तुरंत उपचार करते हैं!
गोकुलधाम गोशाला का संचालन देख रहे सुनील निमाणा का कहना है कि उनके प्रबन्धन के लिए पूरे देश की गाय उनकी अपनी गाय है. उन्हें जहां कहीं भी किसी भी घायल गाय की सूचना मिलती है तो वह तुरन्त उपचार मुहैया कराने के लिए एम्बूलेंस भेजते हैं और एम्बूलेंस से गाय को अपने यहां लाकर इलाज कराते हैं.