झज्जर: साल 2019-20 का बजट पास करने के लिए शुक्रवार को झज्जर पालिका में बुलाई गई पार्षदों की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. बैठक में सफाई व्यवस्था और लाइट के अलावा अन्य अनियमितताओं को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. 19 पार्षदों और दो मनोनित पार्षदों वाली इस बैठक में सात पार्षद नदारद रहे. इन सबके बावजूद पालिका की इस बैठक में 6 करोड़ 70 लाख 37 हजार 960 रुपये फायदे का बजट पास कर दिया गया.
शुक्रवार को हुई इस बैठक में विशेष बात यह रही कि बैठक में भाग लेने के लिए कई महिला पार्षदों के प्रतिनिधि बैठक में पहुंचे. जिन्होंने बैठक के दौरान ही हंगामा करना शुरू कर दिया. वहीं कुछ महिला पार्षद अपनी आवाज उठाने की बजाय केवल चुप्पी साधे बैठी रही. बताया जा रहा है कि बैठक में बाहरी लोगों का ज्यादा जमावड़ा देखने को मिला है.
बता दें कि पिछले करीब दो साल पहले पालिका के मीटिंग हॉल में जिला प्रशासन के निर्देश पर सीसीटीवी कैमरे इसलिए लगवाएं गए थे, ताकि बैठक में केवल संबंधित वार्ड का पार्षद ही भाग ले सके और बाहरी लोगों को बैठक में हस्तक्षेप रोका जा सके. लेकिन बैठक के दौरान जिस तरह से हंगामा हुआ उससे देखकर यहीं लगता है कि हॉल में लगवाए गए सीसीटीवी कैमरे केवल शो-पीस का ही काम कर रहे थे.
बैठक में बाहरी लोगों के अलावा कई अन्य पार्षदों ने विकास कार्यों में हो रही अनियमितताओं और सफाई व्यवस्था के अलावा लाइट व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वाले पार्षदों और बाहरी लोगों को रोकने के बजाय बैठक में मौजूद पालिका प्रधान, सचिव और अन्य कर्मचारी केवल मूकदर्शक ही बने रहे. उसके बाद बैठक में मौजूदा कई पार्षदों ने कार्रवाई रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया.
वहीं बैठक के दौरान बाहरी लोगों के मौजूद होने के बारे में जब पालिका सचिव नरेन्द्र सैनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पालिका चेयरमैन चाहे तो किसी को भी बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या पालिका चेयरमैन की तरफ से किसी भी बाहरी व्यक्ति को लिखित में बैठक में भाग लेने का निमन्त्रण दिया गया था तो वह मसले पर चुप्पी साध गए.