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टिकरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की अहम बैठक, लिए गए कई अहम फैसले - टिकरी बॉर्डर किसान आंदोलन

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच टिकरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए.

farmers organisation meeting tikri border
टिकरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की अहम बैठक
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Published : Mar 2, 2021, 7:57 PM IST

झज्जर: किसान आंदोलन को लेकर टिकरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में ये तय किया गया कि टिकरी, सिंघु, शाजहांपुर और सुनहेड़ा(पुन्हाना) बोर्डरों पर किसानों की संख्या बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाएगी.

बता दें कि टिकरी बॉर्डर पर किसान नेता जोगेंदर नैन की अध्यक्षता में ये बैठक आयोजित की गई, जिसमें गिरफ्तार किसानों को रिहा करवाने और दिल्ली-हरियाणा में बनाए गए पुलिस केसों को रद्द करवाने हेतु कदम उठाने का फैसला लिया गया.

ये भी पढ़िए: हरियाणा में खाप पंचायत का फैसला, 1 मार्च से 100 रुपये लीटर बिकेगा दूध, लगाए 6 नए टैक्स

बैठक में दूध के भाव बढ़ाने और गेंहू की फसलों को नष्ठ करने संबंधी खबरों पर भी संज्ञान लेते हुए ये अपील की गई कि कोई भी किसान या खाप ऐसा ना करे, क्योंकि ऐसा करके आंदोलन भटक सकता है. आंदोलन को तेज करने के लिए प्रदेश के किसान संगठनों ने अपने सुझाव भी दिए, जिन्हें बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चे की सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक में रखा जाएगा.

ये भी पढ़िए: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को मिलेगा 75 फीसदी आरक्षण, अधिसूचना जारी

किसान नेता इंद्रजित सिंह ने कहा कि आंदोलन निरंतर जोर पकड़ रहा है. वहीं योगेंद्र यादव ने बैठक में कहा कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने ये साबित कर दिया है कि इस निरकुंश सरकार को चुनौती दी जा सकती है और किसान आंदोलन से किसान की पगड़ी की रक्षा हुई है.

झज्जर: किसान आंदोलन को लेकर टिकरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में ये तय किया गया कि टिकरी, सिंघु, शाजहांपुर और सुनहेड़ा(पुन्हाना) बोर्डरों पर किसानों की संख्या बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाएगी.

बता दें कि टिकरी बॉर्डर पर किसान नेता जोगेंदर नैन की अध्यक्षता में ये बैठक आयोजित की गई, जिसमें गिरफ्तार किसानों को रिहा करवाने और दिल्ली-हरियाणा में बनाए गए पुलिस केसों को रद्द करवाने हेतु कदम उठाने का फैसला लिया गया.

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बैठक में दूध के भाव बढ़ाने और गेंहू की फसलों को नष्ठ करने संबंधी खबरों पर भी संज्ञान लेते हुए ये अपील की गई कि कोई भी किसान या खाप ऐसा ना करे, क्योंकि ऐसा करके आंदोलन भटक सकता है. आंदोलन को तेज करने के लिए प्रदेश के किसान संगठनों ने अपने सुझाव भी दिए, जिन्हें बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चे की सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक में रखा जाएगा.

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किसान नेता इंद्रजित सिंह ने कहा कि आंदोलन निरंतर जोर पकड़ रहा है. वहीं योगेंद्र यादव ने बैठक में कहा कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने ये साबित कर दिया है कि इस निरकुंश सरकार को चुनौती दी जा सकती है और किसान आंदोलन से किसान की पगड़ी की रक्षा हुई है.

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