झज्जर: टिकरी बाॅर्डर पर पंडाल में पिछले 15 दिन से किसानों की संख्या 200 से 300 के बीच में थी, लेकिन अब ये संख्या बढ़ती जा रही है. किसानों का आकड़ा अब हर रोज बढ़ता जा रहा है. पंजाब से अब बहादुरगढ़ करीब दो से तीन हजार बुजुर्ग किसान पहुंच गए. वहीं, 3 दिनों में 5 हजार और किसानों के आने की घोषणा की गई है. पंडाल अब फिर से भर गया है और अब यब डर ये सताने लगा है कि टिकरी बॉर्डर पर कोरोना बम फुट सकता है.
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किसानों की बढ़ती संख्या के सामने मुट्ठी भर स्वास्थ्य विभाग की टीम कैसे कोरोना टेस्ट करवाएगी. इसे लेकर संकट पैदा हो गया है. जबकि सरकार ने सभी किसानों का कोरोना टेस्ट कराने व वैक्सीन लगाने को कहा है.
दूसरी तरफ किसान भी वैक्सीन व कोरोना टेस्ट कराने में आनाकानी भी कर रहे है. ऐसे में कैसे इस महामारी से किसानों को बचाया जा सकता है. एक तो बढ़ती संख्या दूसरा टेस्ट ना करवाना ऊपर से स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ में भी कमी होना. तो आप अंदाजा लगा सकते है की बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को कैसे इस महामारी से बचाया जाएगा.
बता दें कि देश मे कोरोना दिन प्रतिदिन भयंकर रूप धारण करता जा रहा है. सरकार व प्रशासन पूरी तरह से चंतित है. झज्जर जिला प्रशासन ने किसानों के साथ बैठक कर कोरोना वैक्सीन लेने को कहा गया है. प्रदेश के गृह मांत्री अनिल वीज़ ने भी किसानों से कोविड का टीका लगवाने की अपील की है.
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा था कि किसान बड़ी संख्या में बैठे हैं. उनका कोविड का टीका लगाने व टेस्ट करने का फैसला किया है. वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि 4 हजार किसान वापस आ गए हैं व आने वाले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में किसान टिकरी बाॅर्डर पहुंचेंगे.