करनाल: पिछले करीब 2 से 3 दिन हरियाणा में जमकर बरसात हुई है. इस बीच कई जगहों पर तो ओलावृष्टि भी देखी गई है. ऐसे में अब प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. जाहिर है, ठंड बढ़ गई है. वहीं, ये बरसात किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. क्योंकि हरियाणा में बड़े रकबे में गेहूं की खेती की जाती है. जिन किसानों ने समय पर गेहूं की बिजाई की, वो फायदे में रहे, क्योंकि उनकी दूसरी सिंचाई का खर्च बच गया है. किसानों का कहना है कि अब तक की ये बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद रही है, लेकिन अगर इससे ज्यादा बरसात होती है तो फसलों को नुकसान होगा.
गेहूं के पौधों को बारिश के पानी से अधिक फायदा पहुंचेगा, लेकिन ऐसे किसान, जिन्होंने हाल ही में दूसरी सिंचाई की है, उन्हें ये ध्यान रखना होगा कि फसल में एक या दो दिन से अधिक जलभराव ना रहे. यदि पानी भरा है तो उसे किसी तरह से निकाल दें या नालियों आदि में डाल दें.
दूसरी सिंचाई का खर्च बच गया : भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को फिर मौसम बदला है. ये गेहूं के लिए बेहतर है. जिन लोगों ने समय पर बिजाई की है, यानी लगभग 45 से 50 दिन हो गए तो उनकी दूसरी सिंचाई का खर्च बच गया.
गेहूं को मिल रहा सही वातावरण : मौजूदा समय में गेहूं को 10 से 15 डिग्री सेल्सियस का औसत तापमान चाहिए, जो मिल रहा है. आजकल रात को सर्दी और दिन को चमकदार धूप होती है. ये गेहूं के पौधे के लिए अच्छी स्थिति है.
लंबे समय के कोहरे का पड़ेगा प्रभाव : उन्होंने बताया कि दो या तीन दिन के कोहरे का कोई फर्क नहीं पड़ता है. यदि लंबे समय तक घना कोहरा पड़ता है तो फसलों को नुकसान की आशंका बन सकती है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई अनुमान है नहीं. इसलिए किसानों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है.
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