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झज्जर: सावन शिवरात्रि पर बम-बम भोले के जयकारों से गूंजे शिवालय

झज्जर में भी शिव भक्तों का तांता मंदिरों में लगा हुआ है. सुबह से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है.

सावन की शिवरात्रि आज, बम-बम भोले के जयकारों से गूंजे शिवालय
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Published : Jul 30, 2019, 11:27 AM IST

झज्जर: सावन मास की शिवरात्रि आज मनाई जा रही है. सावन मास के कृष्ण पक्ष में मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. वो भगवान शिव के लिए सिरोधार्य शिवरात्रि होती है. बहादुरगढ़ में भोलेनाथ के भक्त बाबा की भक्ति में रंगे हुए हैं. सुबह से ही मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है.

सावन शिवरात्रि पर भक्तों की धूम

झज्जर में भी शिव भक्तों का तांता मंदिरों में लगा हुआ है. सुबह से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है. महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद जी महाराज ने बताया कि सावन माह की रात्रि में ही भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था और इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है.

श्रद्धालु इसी दिन मनोकामना सिद्धि के लिए कांवड़ लाते हैं और गंगाजल से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं.

झज्जर: सावन मास की शिवरात्रि आज मनाई जा रही है. सावन मास के कृष्ण पक्ष में मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. वो भगवान शिव के लिए सिरोधार्य शिवरात्रि होती है. बहादुरगढ़ में भोलेनाथ के भक्त बाबा की भक्ति में रंगे हुए हैं. सुबह से ही मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है.

सावन शिवरात्रि पर भक्तों की धूम

झज्जर में भी शिव भक्तों का तांता मंदिरों में लगा हुआ है. सुबह से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है. महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद जी महाराज ने बताया कि सावन माह की रात्रि में ही भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था और इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है.

श्रद्धालु इसी दिन मनोकामना सिद्धि के लिए कांवड़ लाते हैं और गंगाजल से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं.

Intro:शिवरात्रि के अवसर पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने में जुटे श्रद्धालु
झज्जर रोड बहादुरगढ़ के सभी मंदिरों में भारी मात्रा में उमड़े श्रद्धालु
हरिद्वार से लाई कावड़ और गंगाजल शिवलिंग पर चढ़ा रहे श्रद्धालु
Body:भगवान शिव की आराधना का दिन शिवरात्रि भक्तों ने बहादुरगढ़ में भी धूमधाम से मनाया। सुबह सवेरे ही मंदिरों में भोले को स्नान करवाया जाना लगा। हरिद्वार से भोलेनाथ को शीतल करने के लिए जलाने वाले कांवड़ियों ने सबसे पहले भोलेनाथ की पूजा की और मंदिरों की मुंडेर ऊपर कावड़ चढ़ाई। शहर के हर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। महिलाओं ने भी भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा और पूजा की। महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद जी महाराज ने बताया कि सावन माह की रात्रि में ही भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था और इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु इसी दिन भगवान भोलेनाथ को शीतल कर मनोकामना सिद्धि के लिए कावड़ लाते हैं और गंगाजल से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इसका उन्हें विशेष फल मिलता है।
बाइट - महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद जी महाराज
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़।Conclusion:भगवान शिव की आराधना का दिन शिवरात्रि भक्तों ने बहादुरगढ़ में भी धूमधाम से मनाया। सुबह सवेरे ही मंदिरों में भोले को स्नान करवाया जाना लगा। हरिद्वार से भोलेनाथ को शीतल करने के लिए जलाने वाले कांवड़ियों ने सबसे पहले भोलेनाथ की पूजा की और मंदिरों की मुंडेर ऊपर कावड़ चढ़ाई।
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