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झज्जर में आशा वर्करों का प्रदर्शन, सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी - झज्जर में आशा वर्करों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

झज्जर में आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चेतावनी दी है कि सरकार व प्रशासन हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम लोग प्रदेश व्यापी प्रदर्शन करेंगे.

protest of asha workers in Jhajjar
झज्जर में आशा वर्करों का प्रदर्शन, सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी
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Published : Dec 24, 2019, 9:42 AM IST

झज्जर: शहर में आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा वर्करों का कहना है कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार कर्मचारी विरोधी है.

आशा वर्करों के अनुसार सरकार की ओर से उन सभी वर्करों को 5 पेज का नोटिस थमाया गया है. उन्होंने बताया कि नोटिस में लिखा है कि 10वीं पास न होने पर वर्करों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा और 58 साल की उम्र के बाद उनकी सेवा को खत्म कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि सरकार की ओर से रखी गई शर्ते न्यायसंगत नहीं है.

झज्जर में आशा वर्करों का प्रदर्शन, सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी

'रजिस्टर पर लगे हाजिरी'
आशा वर्करों ने मांग की है कि उनकी रोज की उपस्थित रजिस्टर में लगनी चाहिए. जिससे उनके पास आने-जाने का सबूत रहे. वहीं वर्करों का कहना है कि सरकार की ओर से मिलने वाला वेतन भी बहुत देर से मिलता है. सरकार को हम लोगों के वेतन की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे हम लोगों को जीवन यापन में परेशानी का सामना ना करना पड़े.

'सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी'
प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने प्रशासन व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हम लोगों की मांगों को नहीं माना तो हम लोग अगामी 8 जनवरी को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेंगे.

ये भी पढ़ें:'सत्याग्रह' में राहुल का मोदी पर प्रहार - 'आपने देश को सिर्फ बांटना सीखा है'

झज्जर: शहर में आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा वर्करों का कहना है कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार कर्मचारी विरोधी है.

आशा वर्करों के अनुसार सरकार की ओर से उन सभी वर्करों को 5 पेज का नोटिस थमाया गया है. उन्होंने बताया कि नोटिस में लिखा है कि 10वीं पास न होने पर वर्करों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा और 58 साल की उम्र के बाद उनकी सेवा को खत्म कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि सरकार की ओर से रखी गई शर्ते न्यायसंगत नहीं है.

झज्जर में आशा वर्करों का प्रदर्शन, सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी

'रजिस्टर पर लगे हाजिरी'
आशा वर्करों ने मांग की है कि उनकी रोज की उपस्थित रजिस्टर में लगनी चाहिए. जिससे उनके पास आने-जाने का सबूत रहे. वहीं वर्करों का कहना है कि सरकार की ओर से मिलने वाला वेतन भी बहुत देर से मिलता है. सरकार को हम लोगों के वेतन की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे हम लोगों को जीवन यापन में परेशानी का सामना ना करना पड़े.

'सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी'
प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने प्रशासन व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हम लोगों की मांगों को नहीं माना तो हम लोग अगामी 8 जनवरी को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेंगे.

ये भी पढ़ें:'सत्याग्रह' में राहुल का मोदी पर प्रहार - 'आपने देश को सिर्फ बांटना सीखा है'

Intro:मांगों के समर्थन में सडक़ों पर उतरी आशा वर्करज
: झज्जर में प्रदर्शन कर दी शासन व प्रशासन को चेतावनी
: राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने की भरी हुंकार
कहा: गांव गलियों व कूचों तक पहुंचेगी उनकी आवाज
: सरकार के एनआरसी व कैब का जताया विरोधBody:अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को झज्जर जिला मुख्यालय पर आशा वर्करज सडक़ों पर उतरी। यहां उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। प्रदर्शन से पहले सभी आशा वर्करज यहां पंडित श्रीराम शर्मा पार्क के पास एकत्रित हुई और बाद मे जलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए आम्बेडक़र चौक पहुंची। यहां उन्होंने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की निंदा की और कहा कि उन्हें सरकार द्वारा एक पांच पेज का नोटिस थमाया गया है। नोटिस में10वीं पास न होने वाली आशा वर्करों को नौकरी से निकालने, 58 साल के बाद आशा वर्करों की सेवाएं समाप्त करने सहित कई अन्य शर्तें रखी गई है जोकि न्यायसंगत नहीं है। इनका यह भी कहना था कि सरकार को नोटिस के माध्यम से जो नियम व शर्तें लागू की गई है उन्हें तुरन्त प्रभाव से वापिस लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से आशा वर्करों का हाजरी रजिस्टर लगवाने,वेतन हर माह की 10 तारीख तक दिए जाने सहित अन्य सभी मांगों को पूरा करने की बात कही। आशा वर्करों का नेतृत्व कर रही प्रदेशाश्यक्ष प्रवेश दुजाना, जिलाध्यक्ष कविता ने अपने अलग-अलग सम्बोधन में कहा कि उनकी उक्त मांगों के साथ-साथ मुख्य मांगों में न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए करने की मांग भी प्रमुख रूप से शामिल है। उक्त नेताओं ने सरकार के एनआरसी व कैब बिल को लेकर भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार को समय रहते इन दोनों बिलों को वापिस लेना चाहिए।
बाइट- महिला प्रधान
प्रदीप धनखड़
झज्जर।Conclusion:उन्होंने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की निंदा की और कहा कि उन्हें सरकार द्वारा एक पांच पेज का नोटिस थमाया गया है। नोटिस में10वीं पास न होने वाली आशा वर्करों को नौकरी से निकालने, 58 साल के बाद आशा वर्करों की सेवाएं समाप्त करने सहित कई अन्य शर्तें रखी गई है जोकि न्यायसंगत नहीं है। इनका यह भी कहना था कि सरकार को नोटिस के माध्यम से जो नियम व शर्तें लागू की गई है उन्हें तुरन्त प्रभाव से वापिस लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से आशा वर्करों का हाजरी रजिस्टर लगवाने,वेतन हर माह की 10 तारीख तक दिए जाने सहित अन्य सभी मांगों को पूरा करने की बात कही।
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