झज्जर: कल से पूरे देश में लॉकडाउन 2.0 की शुरूआत हो जाएगी. लॉकडाउन का अगला चरण तीन मई तक चलेगा. लेकिन लॉकडान से मजदूरों की बढ़ी परेशानी और बढ़ती ही जा रही है. झज्जर में शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने गांव जाने की जिद्द पर अड़ गए और मंगलवार को खाना ही नहीं खाया.
हांलाकि, प्रशासन की तरफ से रोजमर्रा की तरह समय पर शेल्टर होम में खाना पहुंच भी गया था, लेकिन झज्जर के गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मौजूद 76प्रवासी मजदूरों ने खाना को हाथ तक नहीं लगाया. बता दें इनमें ज्यादातर महिलाए थी. यो लोग नम आंखों से जिद्द कर रहे थे कि एक बार उन्हें अपने गांव जाने दिया जाए.
प्रवासी महिलाओं का कहना था कि प्रशासन द्वारा जो खाना उन्हें मुहैया कराया जाता है, वो खाना पशुओं के लिए भी परोसने लायक नहीं होती. उनका ये भी कहना था कि खाने मेंजली हुई रोटी दी जाती है और भरपेट भोजन तो शायद इन दिनों उनके भाग्य में हीं नहीं है. महिलाओं का कहना था कि उनके मासूम बच्चे भूख से बिलबिला रहे है.
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जो दूध मासूम बच्चों के लिए भेजा जाता है, वो कच्चा होता है और उसे गरम करने के लिए उनके पास कोई साधन भी नहीं है. जिसकी वजह से बच्चे वह दूध नहीं पी पाते औरउन्हें भूखा ही सोना पड़ता है. उन्होंने बच्चों के लिए गरम दूध, फल और अच्छा खाना दिए जाने की मांग की.
प्रवासी मजदूरों के विरोध किए जाने की सूचना डीएसपी श्मशेर सिंह और एसडीएम शिखा को मिली और दोनों ने मौके पर जाकर प्रवासी मजदूरों को हालात का हवाला देकर खाना खाने की अपील की. इस दौरान अधिकारियों के सामने ही प्रवासी मजदूरों ने वितरित किए जाने वाले खाने में ढेरों खामियां निकाली. बाद में अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही इन प्रवासी मजदूरों ने खाना खाया.