झज्जर: जिले के गांव दूबलधन निवासी आजाद हिंद फौज के सिपाही स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमैन रहे ललती राम का रविवार को निधन हो गया. करीब 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी ने अल-सुबह अंतिम सांस ली. गांव दूबलधन में जिला प्रशासन के प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ललती राम को कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम विदाई दी गई.
स्वतंत्रता सेनानी ललती राम के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने ट्वीट करते हुए वीर सिपाही को सलाम किया और शोक जताया. मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करे.
गौरतलब है कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस की सेना में सिपाही रहे स्वतंत्रता सेनानी ललती राम का जन्म 01 जनवरी 1921 को दूबलधन गांव में हुआ. जीवन काल में अलग-अलग समय में राष्ट्रपति सहित अन्य महान शख्सियतों ने भी ललती राम को सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया. आजाद हिंद फौज की स्थापना की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर हुए मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मंच सांझा भी किया था.
ललती राम हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी समिति के चेयरमैन भी रहे. सिंगापुर और हांगकांग की जेल में भी रहे दूबलधन गांव निवासी आजाद हिंद फौज के वीर सिपाही ललती राम, को आइएनए में रहते हुए बहादुरी के लिए 3 मेडल मिले थे. वे अंबाला, सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड, जापान, कोलकाता (जगरकचा) जेल में भी रहे. ललती राम के परिवार से पांचों बेटे पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए देश सेवा की भावना से ओत-प्रोत होकर सेना में भर्ती हुए. बाद की पीढ़ी की बात हो तो 9 पौत्रों में से 5 पौत्र फौज में हैं तथा एक पौत्री पुलिस में है.