झज्जर: लगातार 40 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान सड़कों पर रह रहे हैं. वहीं पिछले दो दिनों से हो रही बरसान ने अब किसानों की व्यवस्था बिगाड़ दी है. टिकरी बॉर्डर पर किसानों के कहीं तंबू उखड़ गए हैं, कहीं चूल्हे और ईंधन भीग गया.
बूंदाबांदी तो तीन दिन से जारी थी, मगर सोमवार व मंगलवार की पूरी रात ही रुक-रुककर बारिश हुई. जिससे जो चूल्हा सुबह-शाम जलता था, वह मंगलवार को अधिकतर जगह ठंडा रहा. किसानों ने इधर-उधर लंगर की तरफ रुख किया. लंगरों में भी रोटी-सब्जी पर ही ध्यान दिया गया है.
मौसम की मार से परेशान अब किसानों ने औद्योगिक क्षेत्र में मजबूत ठिकाना बनाने के लिए सड़क किनारे ईंटों से पक्का निर्माण शुरू कर दिया. किसानों के इस निर्माण से स्थानीय लोग भी हैरान हैं. हालांकि पुलिस-प्रशासन ने अभी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है.
ग्रामीण रास्तों से दिल्ली जाना हुआ और मुश्किल
टीकरी बॉर्डर तो बंद है, ऐसे में दिल्ली जाने के लिए बहुत से लोग ग्रामीण रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश के बाद वहां पर दिक्कत आ रही है. ऐसे में किसानों के लिए ये वक्त का मुश्किलभरा है.