झज्जर: बेशक सावन के महीने में अच्छी बरसात न होने की वजह से झज्जर शहर के लोगों को निराशा हाथ लगी हो, लेकिन भाद्रपद महीने में आई तेज बरसात ने लोगों को अक्सर सावन में आने वाली झमाझम बरसात की याद जरूर दिला दी.
अचानक आई तेज बरसात ने पूरे शहर को पानी-पानी कर दिया. शहर का हर चौक-चौराहा पूरी तरह से जलमग्न दिखाई दिया और तेज बरसात आने के बाद शहर के चारों तरफ कई-कई फुट बरसाती पानी जमा हो गया. ऐसे हालात ने लोगों को घरों में ही रहने पर मजबूर कर दिया है.
न जिला प्रशासन ध्यान देता, न ही जन प्रतिनिधि
लोगों का कहना था कि हर साल बरसात के दिनों में पालिका लाखों रूपए का बजट शहर के नालों की सफाई कराने के नाम पर पास करती है और उसे नालों की सफाई कराने में दिखा भी देती है. लेकिन वो बजट का पैसा वास्तविकता में नालों की सफाई पर लगा या नहीं लगा, इस बारे में न तो जिला प्रशासन के अधिकारी ध्यान देते हैं और न ही जनप्रतिनिधि. बरसात के दिनों में अधिकारियों की कार्रवाई भी जांच के नाम पर केवल फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहती है.