झज्जर: सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती है, जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि पास अनुच्छेद-226 के तहत हर तरह के मामले में सुनवाई किए जाने का अधिकार है.
दरसअल याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि झज्जर आरक्षित सीट में एस सी वर्ग की संख्या कम है और जाटों और यादवों की संख्या ज्यादा है ऐसे में इस सीट को आरक्षित से हटाकर जनरल किया जाना चाहिए.
हाईकोर्ट पेश हुए चुनाव आयोग की तरफ से वकील ने कोर्ट को कहा कि हरियाणा में अभी तक किस आधार पर और कहां-कहां सीट आरक्षित की गई है. इसका पूरा रिकॉर्ड चुनाव आयोग की ओर से हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है. इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती है.
हाई कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के पास अनुच्छेद-226 के तहत हर तरह के मामले में सुनवाई किए जाने का अधिकार है. हाई कोर्ट ने कहा कि अब राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी शुक्रवार को हाई कोर्ट में पेश हो इसका जवाब दें और मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दें.
गौरतलब है कि याचिका दायर कर बताया है कि झज्जर विधान सभा सीट 1974 से ही आरक्षित सीट रही है जबकि इस क्षेत्र में जाट और यादवों की संख्या अधिक है. इसलिए इस क्षेत्र को रिजर्व कैटिगरी से हटाकर सामान्य कैटेगरी की विधानसभा सीट बनाया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता ने राजोद विधान सभा का हवाला देते हुए यह सीट भी आरक्षित थी, लेकिन जनसंख्या अनुपात को देखने के बाद इसको सामान्य सीट में तब्दील कर दिया गया.
याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से बताया गया कि इस संबंध मे एक मांग पत्र चुनाव आयोग को भी दिया था पर आयोग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं है लिहाजा याचिकाकर्ता ने अब इस मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.