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लड़ाई अभी बाकी है: टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने किया ये नया इंतजाम - Farmer movement tikri border

झज्जर के टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने गर्मी से बचने का जुगाड़ बनाना शुरू कर दिया है उन्होंने अपने तंबुओं में ना सिर्फ इनवर्टर लगाए हैं बल्कि सोलर पैनल भी लगाए जा रहे हैं.

Farmers put solar panels on the tikri border to avoid heat
Farmers put solar panels on the tikri border to avoid heat
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Published : Mar 16, 2021, 12:10 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 12:51 PM IST

झज्जरः टिकरी बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन में अब किसानों ने गर्मी से बचने के जुगाड़ करने शुरू कर दिए हैं. क्योंकि जल्द ही तपती गर्मी शुरू होने वाली है, उससे पहले ही किसानों ने प्रबन्ध करने शुरू कर दिए हैं. आंदोलन यदि और लंबा चला और सर्दी की तरह गर्मी का पूरा मौसम भी किसानों को यहीं पर गुजारना पड़ा तो कुछ जरूरी बिंदुओं पर इसके लिए तैयारियां देखी जा सकती हैं.

ये भी पढ़ेंः टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने शुरू की बच्चों की पाठशाला, रोज लगती है 2 से 3 घंटे क्लास

ट्रैक्टर-ट्रॉली की जगह बीच सड़क और डिवाइडर पर तो किसान तंबू बना ही रहे हैं, मगर साथ में ऐसे इंतजाम भी कर रहे हैं कि जब गर्मी के मौसम में बिजली का संकट होगा तो उस स्थिति में जुगाड़ हो सके. इसके लिए सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. लोहे का फ्रेम बनवाकर उस पर सोलर प्लेट लगाई जा रही हैं और इन्हें तंबू के पास सड़क पर रखा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः सिंघु बॉर्डर पर घर बनाने को लेकर आंदोलनरत किसानों पर केस दर्ज

टिकरी बॉर्डर से लेकर बाइपास तक लगभग हर तीसरे तंबू में इनवर्टर-बैटरी भी आ चुके हैं. फिलहाल तो आंदोलनकारियों ने यहां पर लगी रेड लाइटों के खंभों के बॉक्स खोलकर उनके अंदर से बिजली कनेक्शन जोड़ रखे हैं, लेकिन जब गर्मी आएगी तो बिजली की डिमांड निश्चित तौर पर ही बढ़ेगी. अभी कुछ किसान बिजली की वोल्टेज कम होने की बात कह रहे हैं. गर्मी में वोल्टेज और कम हो सकते हैं. जिसके चलते किसानों ने सोलर सिस्टम लगाने शुरू कर दिए है.

ये भी पढ़ेंः बढ़ती गर्मी को देखते हुए सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर किसान बना रहे पक्का मकान

किसानों का कहना है कि जिस तरह से सरकार जिद पर अड़ी है उन्हें नहीं लगता कि सरकार बातचीत करके आंदोलन खत्म करना चाहती है. ऐसे में अभी यह नहीं पता कि आंदोलन कितना लंबा चलेगा. मगर हमने यह तय कर रखा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक वापस नहीं जाएंगे. यहीं सड़क पर डटे रहेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए वह गर्मी से बचने लिए अपनी तैयारी कर रहे हैं. वहीं प्रशासन के साथ सोमवार को किसान संगठनों की बैठक भी हुई. बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि अब सड़क पर पक्का निर्माण नहीं होगा, लेकिन प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि पक्के निर्माण किए हैं, वे हटाने होंगे.

ये भी पढ़ेंः किसान की ये ट्रॉली फाइव स्टार रूम से कम नहीं! सुविधाएं जान रह जाएंगे हैरान

झज्जरः टिकरी बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन में अब किसानों ने गर्मी से बचने के जुगाड़ करने शुरू कर दिए हैं. क्योंकि जल्द ही तपती गर्मी शुरू होने वाली है, उससे पहले ही किसानों ने प्रबन्ध करने शुरू कर दिए हैं. आंदोलन यदि और लंबा चला और सर्दी की तरह गर्मी का पूरा मौसम भी किसानों को यहीं पर गुजारना पड़ा तो कुछ जरूरी बिंदुओं पर इसके लिए तैयारियां देखी जा सकती हैं.

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ट्रैक्टर-ट्रॉली की जगह बीच सड़क और डिवाइडर पर तो किसान तंबू बना ही रहे हैं, मगर साथ में ऐसे इंतजाम भी कर रहे हैं कि जब गर्मी के मौसम में बिजली का संकट होगा तो उस स्थिति में जुगाड़ हो सके. इसके लिए सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. लोहे का फ्रेम बनवाकर उस पर सोलर प्लेट लगाई जा रही हैं और इन्हें तंबू के पास सड़क पर रखा जा रहा है.

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टिकरी बॉर्डर से लेकर बाइपास तक लगभग हर तीसरे तंबू में इनवर्टर-बैटरी भी आ चुके हैं. फिलहाल तो आंदोलनकारियों ने यहां पर लगी रेड लाइटों के खंभों के बॉक्स खोलकर उनके अंदर से बिजली कनेक्शन जोड़ रखे हैं, लेकिन जब गर्मी आएगी तो बिजली की डिमांड निश्चित तौर पर ही बढ़ेगी. अभी कुछ किसान बिजली की वोल्टेज कम होने की बात कह रहे हैं. गर्मी में वोल्टेज और कम हो सकते हैं. जिसके चलते किसानों ने सोलर सिस्टम लगाने शुरू कर दिए है.

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किसानों का कहना है कि जिस तरह से सरकार जिद पर अड़ी है उन्हें नहीं लगता कि सरकार बातचीत करके आंदोलन खत्म करना चाहती है. ऐसे में अभी यह नहीं पता कि आंदोलन कितना लंबा चलेगा. मगर हमने यह तय कर रखा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक वापस नहीं जाएंगे. यहीं सड़क पर डटे रहेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए वह गर्मी से बचने लिए अपनी तैयारी कर रहे हैं. वहीं प्रशासन के साथ सोमवार को किसान संगठनों की बैठक भी हुई. बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि अब सड़क पर पक्का निर्माण नहीं होगा, लेकिन प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि पक्के निर्माण किए हैं, वे हटाने होंगे.

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Last Updated : Mar 16, 2021, 12:51 PM IST
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