झज्जर: साल 1971 के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत और बांग्लादेश निर्माण में अपनी शहादत देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्वर्णिम विजय मशाल वीरवार को झज्जर जिला मेंं पहुंची. मातनहेल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में स्वर्णिम विजय मशाल के पंहुचने पर जिलावासियों ने जोरदार स्वागत किया. स्कूली छात्रों ने देश भक्ति के गीत गाकर माहौल को गरिमामय बना दिया. स्वर्णिम विजय मशाल के साथ पंहुचे सेना के मेजर राहुल भट्ट ने 1971 के युद्ध में अपनी बहादुरी की वीरगाथा लिखने वाले वीर सैनिकों व युद्ध वीरांगानाओं को भारतीय सेना की ओर से सम्मानित किया.
हिसार कैंट के सेना प्रवक्ता ने बताया कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत के विजय की 50 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नेशनल वार मेमोरियल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्ज्वलित की थी. ये विजय मशाल 1971 के युद्ध में प्राण न्योछावर करने वाले वीर योद्धाओं के गांवों सहित देश के अन्य हिस्सों में ले जाई जा रही है.
1971 के वीर सैनिकों को किया गया सम्मानित
सेना प्रवक्ता ने बताया कि झज्जर जिला वीरों की भूमि है. इसलिए झज्जर जिले में स्वर्णिम विजय मशाल वीरवार को सुबह 11 बजे गांव मातनहेल में पहुंची. मातनहेल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मेंं सेना द्वारा 1971 के वीर सैनिकों व युद्ध वीरागांनाओं को सम्मानित किया. कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों को 1971 युद्ध की प्रेरक
फिल्म दिखा कर देशभक्ति की भावना जगाई गई.
झज्जर वार मेमोरियल में लोगों ने शहीदों को किया याद
मातनहेल के बाद स्वर्णिम विजय मशाल झज्जर स्थित जिला सैनिक बोर्ड पहुंची. स्वर्णिम विजय मशाल झज्जर वार मेमोरियल पर रखकर सेना अधिकारियों, वीर सैनिकों, युद्ध वीरांगानाओं ने शहीदों को अपना भावपूर्ण नमन किया. झज्जर वार मेमोरियल के बाद स्वर्णिम विजय मशाल जहांआरा बाग स्टेडियम पहुंची. इस कार्यक्रम में सेना द्वारा 1971 के वीर सैनिकों व युद्ध वीरागांनाओं को सम्मानित किया गया.
भारतीय सेना बढ़ा रही है कुर्बानी की परंपरा: सेना प्रवक्ता
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि स्वर्णिम विजय मशाल के आगमन से लोगों में देशभक्ति की भावना का संचार हुआ है. 1971 युद्ध के अपने वीरों की कुर्बानियों व बलिदान को याद कर गौरव की अनुभूति हो रही है. युवा शक्ति में देश भक्ति की भावना बढ़ रही है. ये वीरों की भूमि है और अपने वीर शहीदों को नमन कर उनकी कुर्बानी पर गौरव की अनुभूति करना हमारी समृद्ध परंपरा रही है. भारतीय सेना इसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है.