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झज्जर के लिंगानुपात में 34 फीसदी गिरावट, 914 से घटकर 880 पहुंचा आंकड़ा - Jhajjar sex ratio decline

इस साल झज्जर में लिंगानुपात में काफी गिरावट दर्ज की गई है. इस साल लिंगानुपात 914 से घटकर 880 पर आ चुका है. इन आंकड़ों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को भी हैरानी है. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग लिंग जांच करने वाले गिरोह का लगातार भंडाफोड़ कर रहा है.

Decline in sex ratio of Jhajjar
Decline in sex ratio of Jhajjar
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Published : Nov 26, 2020, 9:19 AM IST

झज्जर: लिंगानुपात को लेकर झज्जर से बुरी खबर सामने आई है. इस साल लिंगानुपात 914 से घटकर 880 पर आ चुका है. ये आंकड़ा 2020 के इन 10 महीनों का है. हालांकि, इस साल के 2 महीने अभी बाकी है. लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी गिरावट आई है. 914 से ये आंकड़ा घटकर अब 880 पर आ गया है. यानी 2019 में 39 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो अब इस साल 34 फीसदी की गिरावट सामने आई है.

हैरान करने वाले आंकड़े

इस आंकड़े के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है कि इतने प्रयासों के बाद भी आखिर आंकड़ा कैसे घटा. नोडल अधिकारी डॉक्टर अचल त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने इस साल लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है. जिले में ही नहीं पूरे हरियाणा और हरियाणा के बाहर भी लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. उसके बावजूद ये आंकड़े सामने आए हैं जो हैरान करने वाले हैं.

झज्जर के लिंगानुपात में 34 फीसदी गिरावट

उन्होंने कहा कि झज्जर विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा के बहादुरगढ़ से चलाए जा रहे सात लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इसके अलावा भी उन्होंने प्रदेश व जिले में इस तरह के रैकेट पर कंट्रोल करने के लिए लगातार छापेमारी की है. पिछले साल की बजाय जो आंकड़ा अब आया है वह 10 महीने का आंकड़ा है अभी 2 महीने बाकी है.

पूरे साल की रिपोर्ट आनी बाकी

पूरे साल की रिपोर्ट आनी भी बाकी है. फिलहाल की बात की जाए तो पिछले महीने का आकड़ा 880 से बढ़कर 906 पर पहुंचा है, जो कि अच्छे संकेत है. विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि लिंग जांच जैसे गिरोह पर पूरी तरह से पाबंदी लग सके.

बता दें कि झज्जर जिले में 2018 में ये आंकड़ा 875 था 2017 में 920, 2016 में 885, 2015 में 849, 2014 में 825 और 2013 में 758 देखा गया था. लेकिन उसके बाद 2019 में ये आंकड़ा 914 पर पहुंचा लेकिन अब इन 10 महीनों में कुछ गिरकर 880 पर पहुंच गया है.

ये भी पढें- हरियाणा में पुलिस नाके तोड़कर दिल्ली पहुंच रहे किसान, लंबी लड़ाई के लिए राशन पानी भी लाए साथ

स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ इस अभिशाप को दूर करने के लिए जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा. क्योंकि जब तक जनता जागरूक नहीं होगी इस तरह के रैकेट चलते रहेंगे. इसको रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. नोडल अधिकारी ने बतााया कि लिंग जांच कराने वाले के बारे में बताने वाले को इनाम भी दिया जाएगा.

झज्जर: लिंगानुपात को लेकर झज्जर से बुरी खबर सामने आई है. इस साल लिंगानुपात 914 से घटकर 880 पर आ चुका है. ये आंकड़ा 2020 के इन 10 महीनों का है. हालांकि, इस साल के 2 महीने अभी बाकी है. लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी गिरावट आई है. 914 से ये आंकड़ा घटकर अब 880 पर आ गया है. यानी 2019 में 39 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो अब इस साल 34 फीसदी की गिरावट सामने आई है.

हैरान करने वाले आंकड़े

इस आंकड़े के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है कि इतने प्रयासों के बाद भी आखिर आंकड़ा कैसे घटा. नोडल अधिकारी डॉक्टर अचल त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने इस साल लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है. जिले में ही नहीं पूरे हरियाणा और हरियाणा के बाहर भी लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. उसके बावजूद ये आंकड़े सामने आए हैं जो हैरान करने वाले हैं.

झज्जर के लिंगानुपात में 34 फीसदी गिरावट

उन्होंने कहा कि झज्जर विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा के बहादुरगढ़ से चलाए जा रहे सात लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इसके अलावा भी उन्होंने प्रदेश व जिले में इस तरह के रैकेट पर कंट्रोल करने के लिए लगातार छापेमारी की है. पिछले साल की बजाय जो आंकड़ा अब आया है वह 10 महीने का आंकड़ा है अभी 2 महीने बाकी है.

पूरे साल की रिपोर्ट आनी बाकी

पूरे साल की रिपोर्ट आनी भी बाकी है. फिलहाल की बात की जाए तो पिछले महीने का आकड़ा 880 से बढ़कर 906 पर पहुंचा है, जो कि अच्छे संकेत है. विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि लिंग जांच जैसे गिरोह पर पूरी तरह से पाबंदी लग सके.

बता दें कि झज्जर जिले में 2018 में ये आंकड़ा 875 था 2017 में 920, 2016 में 885, 2015 में 849, 2014 में 825 और 2013 में 758 देखा गया था. लेकिन उसके बाद 2019 में ये आंकड़ा 914 पर पहुंचा लेकिन अब इन 10 महीनों में कुछ गिरकर 880 पर पहुंच गया है.

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स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ इस अभिशाप को दूर करने के लिए जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा. क्योंकि जब तक जनता जागरूक नहीं होगी इस तरह के रैकेट चलते रहेंगे. इसको रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. नोडल अधिकारी ने बतााया कि लिंग जांच कराने वाले के बारे में बताने वाले को इनाम भी दिया जाएगा.

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