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झज्जरः नगर पालिका की हंगामेदार बैठक के बीच पास हुआ करोड़ों का बजट

बजट को लेकर बुलाई गई झज्जर पालिका बैठक में आज जमकर हंगामा हुआ. बैठक में 7 पार्षद नदारद रहे.

पालिका की हंगामेदार बैठक
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Published : Jun 21, 2019, 6:17 PM IST

झज्जरः साल 2019-20 का बजट पास करने के लिए शुक्रवार को झज्जर पालिका में पार्षदों की बैठक बुलाई गई. बैठक में सफाई व्यवस्था सहित और भी कई अन्य अनियमितताओं को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया.

हंगामेदार बैठक के बीच पास हुआ करोड़ों का बजट, देखें वीडियो

19 पार्षदों और दो मनोनित पार्षदों वाली इस बैठक में सात पार्षद नदारद रहे. हालांकि इसके बावजूद पालिका की इस बैठक में 6 करोड़ 70 लाख 37 हजार 960 रूपए फायदे का बजट पास कर दिया गया.

बैठक में बाहरी लोगों के अलावा कई अन्य पार्षदों ने विकास कार्यों में बरती जा रही अनियमितताओं और सफाई व्यवस्था के अलावा लाइट व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वाले पार्षदों और बाहरी लोगों को रोकने लिए बजाय बैठक में मौजूद पालिका प्रधान, सचिव और अन्य कर्मचारी केवल मूकदर्शक ही बने रहे.

झज्जरः साल 2019-20 का बजट पास करने के लिए शुक्रवार को झज्जर पालिका में पार्षदों की बैठक बुलाई गई. बैठक में सफाई व्यवस्था सहित और भी कई अन्य अनियमितताओं को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया.

हंगामेदार बैठक के बीच पास हुआ करोड़ों का बजट, देखें वीडियो

19 पार्षदों और दो मनोनित पार्षदों वाली इस बैठक में सात पार्षद नदारद रहे. हालांकि इसके बावजूद पालिका की इस बैठक में 6 करोड़ 70 लाख 37 हजार 960 रूपए फायदे का बजट पास कर दिया गया.

बैठक में बाहरी लोगों के अलावा कई अन्य पार्षदों ने विकास कार्यों में बरती जा रही अनियमितताओं और सफाई व्यवस्था के अलावा लाइट व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वाले पार्षदों और बाहरी लोगों को रोकने लिए बजाय बैठक में मौजूद पालिका प्रधान, सचिव और अन्य कर्मचारी केवल मूकदर्शक ही बने रहे.

Intro:रेवाड़ी, 21 जून।
पर्यावरण जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद मनेठी में बनने वाले एम्स पर पर्यावण मंत्रालय ने रोक लगा दी गई है।


Body:वर्ष 2014-15 सीएम मनोहर लाल खट्टर की बावल में हुई रैली में मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा की गई थी लेकिन काफ़ी लंबे समय बाद भी यहां एम्स की शुआत नही हुई। जिसको लेकर मनेठी के ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल भी की गई। मांग को लेकर धरना 127 दिनों के लंबे समय तक चला। जब कही जाकर सरकार की नींद टूटी और केंद्रीय कमेटी की वैठक में उसको मंजूरी मिली। सरकार ने अपने बजट में भी मनेठी में एम्स के लिए 1299 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।
लेकिन अब पर्यावरण समिति की जांच में 200 एकड़ भूमि वनीय जीव जंतुओं के लिए आरक्षित पाई गई। जिसके बाद कमेटी ने इस पर मंजूरी देने से इंकार कर दिया।
अब ग्रामीणों का कहना है कि हर हाल में एम्स मनेठी में ही मनाएंगे चाहे इसके लिए उन्हें और संघर्ष क्यों ना करना पड़े। आने वाले विधानसभाचुनावो।पर भी इसका असर पड़ेगा।


Conclusion:अब देखना होगा कि सरकार मनेठी में ईएमएस5 बनवाने के लिए किस तरह के प्रयास करेगी। या फिर विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बाइट--श्योताज सिंह, अध्यक्ष, एम्स संघर्ष समिति मनेठी।
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