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झज्जर अनाज मंडी में खराब होने की कगार पर किसानों का 'सोना'

इस वक्त झज्जर अनाज मंडी में 72 हजार मेट्रिक गेहूं और 22 हजार मेट्रिक सरसो को रखा गया है, लेकिन सही इंतजाम नहीं होने की वजह फसल खराब होने की कगार पर है.

झज्जर अनाज मंडी
झज्जर अनाज मंडी में खराब होनी की कगार पर किसानों का 'सोना'
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Published : Apr 30, 2020, 8:56 PM IST

झज्जर: लॉकडाउन की वजह से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ जहां मजदूर नहीं मिलने की वजह फसल खेत में ही खराब हो रही . वहीं दूसरी तरफ अनाज मंडी में लाने के बाद भी सरकारी खरीद धीरे होने की वजह से फसल वहां भी खराब होने की कगार पर है.

अगर बात झज्जर अनाज मंडी की करें तो इस वक्त झज्जर अनाज मंडी में 72 हजार मेट्रिक गेहूं और 22 हजार मेट्रिक सरसो को रखा गया है, लेकिन सही इंतजाम नहीं होने की वजह फसल वहां भी खराब होने की कगार पर है. मंडी में गेहूं लाने वाले किसानों ने बताया कि सरकार ने फसल खरीदने का वादा तो किया, लेकिन अबतक खरीद नहीं की गई है.

झज्जर अनाज मंडी में खराब होनी की कगार पर किसानों का 'सोना'

वहीं कुछ किसानों और आढ़कतियों ने बताया कि सरकार ने उनकी फसल तो खरीद ली है, लेकिन अभीतक पैसे नहीं दिए हैं. दरअसल इस बार सरकार ऑनलाइन प्रणाली से फसल की खरीद कर रही है. ऐसे में सरकार की ओर से झज्जर के किसानों को दो दिनों के अंदर पेमेंट देने की बात कही थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी उनकी पेमेंट नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा से सामने आए कोरोना के 28 नए मामले, झज्जर से 18 केसों की पुष्टि

वहीं फसल खरीद के दौरान सामने आ रही परेशानियों के बारे में बताते हुए किसानों ने कहा कि पहले तो उन्हें कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जैसे-तैसे कटाई होने के बाद फिर अनाज मंडी तक फसल लाने के लिए उन्हे गाड़ी नहीं मिल रही है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से जो कच्ची मंडियां बनाई है, वहां पूरे इंतजाम नहीं किए गए हैं.

झज्जर: लॉकडाउन की वजह से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ जहां मजदूर नहीं मिलने की वजह फसल खेत में ही खराब हो रही . वहीं दूसरी तरफ अनाज मंडी में लाने के बाद भी सरकारी खरीद धीरे होने की वजह से फसल वहां भी खराब होने की कगार पर है.

अगर बात झज्जर अनाज मंडी की करें तो इस वक्त झज्जर अनाज मंडी में 72 हजार मेट्रिक गेहूं और 22 हजार मेट्रिक सरसो को रखा गया है, लेकिन सही इंतजाम नहीं होने की वजह फसल वहां भी खराब होने की कगार पर है. मंडी में गेहूं लाने वाले किसानों ने बताया कि सरकार ने फसल खरीदने का वादा तो किया, लेकिन अबतक खरीद नहीं की गई है.

झज्जर अनाज मंडी में खराब होनी की कगार पर किसानों का 'सोना'

वहीं कुछ किसानों और आढ़कतियों ने बताया कि सरकार ने उनकी फसल तो खरीद ली है, लेकिन अभीतक पैसे नहीं दिए हैं. दरअसल इस बार सरकार ऑनलाइन प्रणाली से फसल की खरीद कर रही है. ऐसे में सरकार की ओर से झज्जर के किसानों को दो दिनों के अंदर पेमेंट देने की बात कही थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी उनकी पेमेंट नहीं हो पाई है.

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वहीं फसल खरीद के दौरान सामने आ रही परेशानियों के बारे में बताते हुए किसानों ने कहा कि पहले तो उन्हें कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जैसे-तैसे कटाई होने के बाद फिर अनाज मंडी तक फसल लाने के लिए उन्हे गाड़ी नहीं मिल रही है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से जो कच्ची मंडियां बनाई है, वहां पूरे इंतजाम नहीं किए गए हैं.

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