झज्जर: मंगलवार रात को हुई ओलावृष्टि और तेज आंधी के साथ हुई बारिश ने जिले के 130 गांवों में गेहूं और सरसों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया. सूत्रों के अनुसार, कृषि विभाग ने कुल 35,904 हेक्टेयर पर नुकसान का आकलन किया है. सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में दुजाना, धौड, बेरी, बिशान, वजीरपुर, बाघपुर,बाकरा, गोछी, दूबलधन के अलावा डराना, माजरा डी, बरहाना, मलिकपुर, मदाना कलां, शेरिया, मदाना खुर्द, डीघल शामिल हैं. इसके अलावा धांधलान,गांगतान, लकरिया, सफीपुर, भांभेवा, चोखी और दिमाना आदि गांवों में नुकसान 50 फीसदी से अधिक बताया गया है.
बताया जा रहा है कि फसल नुकसान का अनुमान 29,100 हेक्टेयर पर 25 प्रतिशत या उससे कम अनुमानित किया गया है. 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत 6,364 हेक्टेयर में और 440 हेक्टेयर पर 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसान कृषि विभाग से संपर्क कर रहे हैं और पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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किसानों का कहना था की उन्हें इस सीजन में गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि ने 20 एकड़ में फैली फसल को 60 फीसदी से ज्यादा नुकसान पहुंचाया. गांव के अन्य किसान भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे है. धोड़ गांव के अशोक ने कहा कि उनकी गेहूं की फसल फल-फूल रही थी, लेकिन तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने इसे बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. मैंने मुआवजा पाने के लिए कृषि कार्यालय में शिकायत दर्ज की है.
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वहीं फसल बर्बाद होने की पुष्टि उप निदेशक (कृषि) इंदर सिंह ने की. उन्होंने बताया जिले के 130 गांवों में गेहूं और सरसों की फसल ओलावृष्टि और उच्च वेग वाली हवाओं के साथ बारिश से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि हमने प्रभावित किसानों से 72 घंटों के भीतर नुकसान के बारे में शिकायत दर्ज करने का आह्वान किया है. सिंह ने कहा कि जिन लोगों को योजना के तहत नामांकित नहीं किया गया है, उन्हें फसल कटाई प्रयोगों की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया गया है.
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