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टिकरी और ढांसा बॉर्डर पहुंचा 'राजस्थान का जहाज', ट्रैक्टरों के साथ परेड में लेंगे हिस्सा - किसान ट्रैक्टर परेड 26 जनवरी

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन करीब दो महीने से जारी है. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से काफी ट्रैक्टर दिल्ली से लगते बॉर्डर आ रहे हैं. राजस्थान का जहाज भी टिकरी बाॅर्डर पर पहुंच चुका है.

Camels participate tractor parade
Camels participate tractor parade
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Published : Jan 24, 2021, 4:18 PM IST

झज्जर: 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. टिकरी बॉर्डर हो या सिंघु बॉर्डर भारी मात्रा में किसान यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पहुंच रहे हैं. इस बीच राजस्थान से ऊंट भी टिकरी और ढांसा बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं.

राजस्थान से आए किसानों के ऊंट भी बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. राजस्थान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों ने टिकरी और ढांसा बॉर्डर पर नृत्य ने लोगों को आकर्षित किया. एक तरफ किसान ट्रैक्टर के जरिए परेड करेंगे तो दूसरी तरफ ये ऊंट भी उस परेड का हिस्सा बनेंगे.

टिकरी और ढांसा बॉर्डर पहुंचा 'राजस्थान का जहाज'

किसान नेता जसबीर सिंह गिल ने कहा सरकार की अगली बैठक की तारीख तय करने की जो जिम्मेदारी है, सरकार उससे भाग नहीं सकती है. इस सरकार की एक परेशानी है कि जब भी इनकी नाकामी सामने आती है तो ये अपना दोष किसी और पर डाल देते हैं. सरकार को 26 जनवरी को इन क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को दिल्ली पुलिस से हरी झंडी, 2 लाख से अधिक ट्रैक्टर होंगे शामिल

कृषि कानून के खिलाफ करीब दो महीने से किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. अभी तक सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. लग रहा है कि ना तो सरकार पीछे हटने के मूड में है और ना ही किसान. इस बीच किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की तैयारी तेज कर दी है. सिर्फ पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी ट्रैक्टर रैली के लिए घर-घर जाकर लोगों से आंदोलन में शामिल होने का न्योता दे रही हैं.

झज्जर: 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. टिकरी बॉर्डर हो या सिंघु बॉर्डर भारी मात्रा में किसान यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पहुंच रहे हैं. इस बीच राजस्थान से ऊंट भी टिकरी और ढांसा बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं.

राजस्थान से आए किसानों के ऊंट भी बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. राजस्थान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों ने टिकरी और ढांसा बॉर्डर पर नृत्य ने लोगों को आकर्षित किया. एक तरफ किसान ट्रैक्टर के जरिए परेड करेंगे तो दूसरी तरफ ये ऊंट भी उस परेड का हिस्सा बनेंगे.

टिकरी और ढांसा बॉर्डर पहुंचा 'राजस्थान का जहाज'

किसान नेता जसबीर सिंह गिल ने कहा सरकार की अगली बैठक की तारीख तय करने की जो जिम्मेदारी है, सरकार उससे भाग नहीं सकती है. इस सरकार की एक परेशानी है कि जब भी इनकी नाकामी सामने आती है तो ये अपना दोष किसी और पर डाल देते हैं. सरकार को 26 जनवरी को इन क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान करना चाहिए.

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कृषि कानून के खिलाफ करीब दो महीने से किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. अभी तक सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. लग रहा है कि ना तो सरकार पीछे हटने के मूड में है और ना ही किसान. इस बीच किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की तैयारी तेज कर दी है. सिर्फ पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी ट्रैक्टर रैली के लिए घर-घर जाकर लोगों से आंदोलन में शामिल होने का न्योता दे रही हैं.

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