झज्जर: टिकरी बॉर्डर के पास सेक्टर -9 बाइपास के नजदीक नए बस स्टैंड के पीछे पंजाब के रहने वाले एक किसान की गला रेतकर हत्या करने की वारदात से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. किसान हाकम सिंह की हत्या के पीछे कोई और नहीं बल्कि उसकी भाभी व उसके प्रेमी का हाथ रहा है. आरोप है कि मरने वाले किसान की भाभी के साथ आरोपी के कई साल से अवैध संबंध थे. हाकम सिंह इसको लेकर विरोध करता था. अपने अवैध संबंधों में देवर के रोड़ा बनने को लेकर प्रेमी के हाथों ही उक्त घटना को अंजाम दिया गया है.
इस वजह से की गई हत्या
पुलिस के अनुसार कर्मजीत कौर की आरोपी कुलवंत के साथ काफी पुरानी दोस्ती थी. दोनों के अवैध संबंधों के बारे में हाकम सिंह को पता चल गया था. यही वजह उसकी हत्या का कारण बन गई. आरोप है कि कर्मजीत कौर ने अपने देवर हाकम सिंह को रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी. इसके लिए उसने अपने प्रेमी कुलवंत को उकसाया, उस पर दबाव बनाया.
खुद मृतक के भाभी ने दर्ज करवाया था केस
बता दें कि 25 मार्च की देर शाम को सेक्टर-9 बाईपास स्थित नए बस अड्डे के पीछे खेतों में एक आंदोलनकारी किसान का गला रेता शव मिला था. उसके पास मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हाकम सिंह निवासी बठिंडा के रूप में हुई थी. प्रारंभिक तौर पर हत्या के कारण और हत्यारों के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं थी. वारदात के अगले दिन 26 मार्च को मरने वाले किसान हाकम सिंह की भाभी कर्मजीत कौर ने आकर बयान दिए थे. तब हत्या का केस दर्ज हुआ था.
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केस सुलझानें में छूटे SIT के पसीने
बता दें कि हत्या की इस वारदात को सुलझाना पुलिस के लिए भी काफी मुश्किल हो रहा था. एस.पी. राजेश दुग्गल ने डी.एस.पी. पवन कुमार के नेतृत्व में एक एस.आई.टी. गठित की थी. एसआईटी में शामिल पुलिस अधिकारियों ने हर एंगल से इस मामले को सुलझाने के प्रयास तेज कर दिया. जब इस वारदात की जांच आगे बढ़ी तो शक की सूई हाकम की भाभी कर्मजीत कौर पर ही जाकर टिकी. इस संबंध में पुलिस ने पंजाब के मोगा के रहने वाले एक आरोपी कुलवंत को बहादुरगढ़ के रेलवे स्टेशन से उस समय काबू किया जब वह यहां से भागने की फिराक में था.
पुलिस पूछताछ में उसने हत्या की पूरी वारदात को अंजाम देने की बात कही. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर वारदत में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद किया. इसके बाद आरोपी मृतक हाकम सिंह की भाभी कर्मजीत कौर को भी पंजाब से ही गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार को थाना शहर पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
हाकम सिंह टीकरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से लगातार जुड़ा हुआ था. यहां कुछ दिनों तक रहने के बाद वह वापस अपने गांव चला गया था. लेकिन गत 25 मार्च को फिर से वह आंदोनल में शामिल होने के लिए ट्रेन के जरिये बहादुरगढ़ स्टेशन पर आया. उसके साथ कुलवंत भी आया था. उसी दिन दोपहर के बाद कुलवंत ने हाकम सिंह को शराब पिलाई और मौका मिलते ही उसका गला रेत दिया. हाकम सिंह की किसान आंदोलन के दौरान इसलिए हत्या की गई कि किसी को उन पर शक न हो और सरकार की ओर से मृतक के परिवार को आर्थिक मदद भी मिल जाए.