हिसार: स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव में हिसार में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा और दूसरे प्रदेशों के किसान 6 अक्टूबर को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के आवास का घेराव करेंगे.
योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा और पंजाब सहित पूरे देश के किसान संगठन बीजेपी सरकार के विरोध में हैं. जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि किसान कृषि कानूनों के हक में नहीं है, लेकिन सरकार जबरन इन्हें लागू कर रही है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों के साथ बंद एसी कमरे में बातचीत कर रहे हैं, जबकि सीएम को चाहिए कि वो सबके सामने किसानों से खुले में बात करें. इसके आगे उन्होंने सरकार से 10 सवाल करते हुए कहा कि अगर सरकार इन 10 सवालों के जवाब नहीं दे सकती तो बीजेपी और जेजेपी को सत्ता की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.
योगेंद्र यादव ने सरकार से पूछे ये सवाल
- आपने या आप की पार्टी ने आज तक इन तीन कानूनों में बदलाव लाने की कितनी बार मांग की थी?
- क्या बीजेपी सरकार ने कृषि कानूनों को लाने से पहले या उसके बाद आपकी पार्टी की राय ली थी?
- क्या इन तीन कानूनों का कोरोना वायरस या लॉकडाउन से कोई संबंध था नहीं? नहीं तो इसे महामारी के बीच में क्यों लाया गया?
- राज्यसभा में बिना वोट के जिस तरह से इन कानूनों को पास किया गया क्या वो उसका समर्थन करते हैं?
- अगर इन कानूनों से एमएससी को कोई खतरा नहीं है तो क्यों नहीं उन्हें कानून में शामिल कर लिया जाता?
- आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव कर कंपनियों को जमाखोरी की खुली छूट देने से किसान को क्या और कैसे फायदा होगा?
- क्या कंपनियों को किसान और ग्राहक दोनों को लूटने का अधिकार दिया गया है?
- बिना टैक्स दिए कंपनियों को मंडी से बाहर खरीद की छूट और मंडी में खरीददार पर भारी टैक्स, क्या मंडी को खत्म करने का एजेंडा नहीं है?
- क्या इससे किसान खुली मंडी में बोली लगाकर फसल बेचने से वंचित नहीं होगा?फसल पकने से पहले कंपनियों से
- एग्रीमेंट के नाम पर किसान से दस्तखत करवाना उसकी अपनी लूट पत्र पर मोहर लगवाना नहीं है?
- दुष्यंत जी आप बार-बार कह रहे हैं कि राज्य में हर फसल एमएसपी पर बिकेगी. खरीद का कानून या सरकारी आदेश क्यों नहीं जारी हुआ?
- जब देश में एक भी किसान संगठन या किसान नेता इन कानूनों के समर्थन में बोलने को तैयार नहीं तब चौधरी देवी लाल का वंशज इनकी ढाल बनकर क्यों खड़ा हुआ है?