हिसार: जिले में टोल प्लाजा पर सोमवार को महिला किसान रैली का आयोजन किया गया. इस दौरान रामायण और चौधरीवास टोल पर महिलाओं और किसानों की संख्या सबसे अधिक रही. एक ओर जहां काफी संख्या में महिलाएं ट्रॉलियों में बैठक कर टोल पर पहुंचीं, वहीं कुछ महिलाएं स्वयं भी ट्रैक्टर चलाकर टोल पर पहुंचीं. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वही लांधड़ी टोल किसानों द्वारा रक्तदान शिविर लगाया गया.
23 जनवरी को रामायण टोल पर जिले भर के किसान इकट्ठे होकर दिल्ली के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए रवाना होंगे. इसे लेकर तैयारियों पर चर्चा भी की गई. उधर, चारों टोल पर किसानों का धरना और टोल फ्री अभियान जारी रहा तथा किसानों के जत्थे दिल्ली में टिकरी बॉर्डर और शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए भी रवाना हुए.
राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान मजदूर समन्वय संघर्ष समिति बरवाला व उकलाना तहसील के नेतृत्व में सोमवार को बाड्डोपट्टी टोल पर धरना जारी रहा. महिला किसान दिवस के मौके पर उकलाना व बरवाला ब्लॉक की सैंकड़ों की संख्या में महिलाओं ने टोल प्लाजा पर प्रदर्शन करते हुए किसान आंदोलन को समर्थन दिया.
टोल प्लाजा पर पहुंची महिलाओं ने कहा कि वो केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार को बताना चाहती हैं कि ये तीनों कृषि कानून देश की अर्थव्यवस्था को उजाड़ कर रख देंगे. जिसका गृहिणियों के चूल्हे चौके तक पर भी असर पड़ेगा. इसलिए इन कानूनों को देश की महिलाएं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगी.
ये पढ़ें- किसान आंदोलन के बीच करीब डेढ़ महीने बाद सिरसा स्थित अपने घर पहुंचे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला
धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से निर्मला खरकड़ा व संजू मय्यड़ और संचालन चाहना व आशा खन्ना ने किया. अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला कमेटी हिसार की सचिव आशा खन्ना ने कहा कि देश की महिला कुर्बानी के लिए तैयार हैं. केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों पर संवेदनहीन बनी हुई है. उच्चतम न्यायालय ने भी किसानों के मुद्दों पर जो कमेटी बनाई है उनमें से तीन सदस्य तो पहले से ही कानूनों के पक्ष में है . ऐसे में किसानों को न्याय कैसे मिलने कि उम्मीद रहेगी.