हिसार: बीते 4 महीनों से देश का किसान सड़कों पर है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. इस बीच हिसार के मय्यड़ टोल प्लाजा पर किसानों के समर्थन में हरियाणा की पहली महिला महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें हिसार और दूसरे कई जिलों से आई सैकड़ों महिला किसानों ने ना सिर्फ हिस्सा लिया बल्कि सरकार के खिलाफ हुंकार भी भरी.
किसान नेता अनु सूरा ने कहा कि महिलाएं सिर्फ घर का काम ही नहीं कर सकती हैं, बल्कि वक्त आने पर सड़कों पर उतरकर पुरुषों के कंधों से कंधा मिलाकर अपने हक की लड़ाई भी लड़ सकती हैं. ये महिला महापंचायत सरकार के लिए चेतावनी है कि सुधर जाओ वरना आने वाले वक्त में जनता तुम्हें अच्छा सबक सिखाने वाली है.
जब मंच से महिलाओं ने भरी हुंकार
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में और भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक मांगेराम मलिक की याद में इस महिला महापंचायत का आयोजन किया गया था. भाकियू के संस्थापक मांगेराम मलिक की पुत्रवधु मंजूबाला ने इस महापंचायत की अध्यक्षता की और अन्य महिला किसानों ने भी मंच से अपने वक्तव्य के जरिए महिलाओं में जोश भरा.
महिला महापंचायत की खासियत
इस महिला महापंचात की खास बात ये रही कि इसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में था. इसके आयोजन से लेकर मंच संचालन तक का जिम्मा नारी शक्ति के कंधों पर रहा. महापंचायत के दौरान किसी भी पुरूष को न ही मंच पर जाने दिया गया और न ही बोलने का मौका दिया गया. हालांकि सबसे पीछे की लाइनों में खड़े होकर पुरुषों ने महिलाओं के भाषण को जरूर सुना.
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मंच पर उपस्थित महिला किसानों ने बताया कि हम सरकार को ये बताना चाहते हैं कि महिलाएं आज किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं और किसी भी सूरत में वो पीछे नहीं हटेगी. सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. आज इस महापंचायत में इसीलिए महिलाओं को इकट्ठा किया गया है ताकि आंदोलन के दौरान महिलाओं की भागीदारी बराबर की रहे.
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