हिसार: जिले में कर्मचारियों संगठनों और केंद्र ट्रेड यूनियनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. आने वाली 3 जुलाई को ये संगठन प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी. कर्मचारी निजीकरण को रोकने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन करेगी. यूनियन ने कहा कि बडे़ घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार मजदूर वर्ग के हित को अनदेखा कर रही है
कर्मचारी संगठनों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ में श्रमिकों की काम करने के समय को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है. इसके अलावा कर्मचारियों और पेंशन धारकों का डीए व डीआर फ्रीज करने, श्रम कानूनों में संशोधन और उन्हें सस्पेंड करने, रेलवे, कोयला, बीमा और डिफेंस जैसे पब्लिक सेक्टर को निजी हाथों में देने के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
बता दें कि कर्मचारी संगठन कृषि उपज मार्केट कमेटी कानून, आवश्यक वस्तु कानून सहित कृषि क्षेत्र में बड़ी पूंजी का प्रवेश करने व बिजली वितरण को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ है. सरकार के इन जनविरोधी कदमों के खिलाफ एआईयूटीयूसी सहित देश की दस बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र कर्मचारी फेडरेशन 3 जुलाई को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करेगी.
उस दौरान हिसार के क्रांतिमान पार्क में 3 जुलाई को एआईयूटीयूसी, एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस, बैंक, बीमा, सर्व कर्मचारी संघ, महासंघ और हरियाणा संयुक्त कर्मचारी जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए अपना रोष प्रकट करेंगे और प्रधानमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौपेंगे.
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जिला सचिव बांगड़ ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के थोक निजीकरण और विनिवेश, भारतीय रेलवे, बंदरगाह और डाक, कोयल, एयर इंडिया, बैंक, बीमा आदि प्रमुख क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति दी है. यही नहीं पूंजीपतियों की लूट को और ज्यादा आसान बनाने के लिए श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संसोधन कर रही है.