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केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 3 जुलाई को हिसार में होगा आक्रोश प्रदर्शन - hisar trade union strike

हिसार में ट्रेड यूनियनों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है. ट्रेड यूनियनों का कहना है सरकार अब हर विभाग का निजीकरण करने पर तुली हुई है, जो हम नहीं होने देंगे.

trade union protest against government in hisar
trade union protest against government in hisar
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Published : Jun 23, 2020, 9:45 PM IST

हिसार: मंगलवार को सभी ट्रेड यूनियनों और फेडरेशन के नेताओं की मीटिंग पृथ्वी प्रभात भवन नवदीप कॉलोनी में हुई. जिसकी अध्यक्षता सीटू जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार ने की और संचालन मोहन लाल राजली ने किया. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 3 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर सभी ब्लॉक्स में प्रदर्शन के माध्यम से विरोध कार्रवाई की जाएगी.

ट्रेड यूनियन के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में कर्मचारियों का फायदा उठाया जा रहा है. उनसे 8 घंटे की बजाय 12 घंटे का काम लिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ट्रेड यूनियनों के अधिकारों को धीरे-धीर समाप्त करने की योजना बना रही है.

ये भी पढ़ें- गोहाना में सफाई कर्मचारियों की भूख हड़ताल शुरू, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों में विकास नहीं करवा रही है, बल्कि रेलवे, डाकखाना, टेलीफोन, एलआईसी, बीमा कंपनी, बैंक, बिजली, सरकारी परिवहन और अनेक सरकारी बड़ी कंपनियों को बड़े पूंजीपतियों के हवाले कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने ये वादा किया था हर क्षेत्र में कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा. ठेका प्रथा खत्म की जाएगी, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मनरेगा में 200 दिन का काम दिया जाए और कम से कम 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए, ताकि मजदूर का घर आराम से चल सके.

उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार बेरोजगारों को भत्ता दे, स्वास्थ्य और शिक्षा में बजट बढ़ाए, हर मजदूर के खाते में कम से कम अगले 6 महीनों के लिए 7500 रुपये बैंक में डाले. साथ ही साथ कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोरोना वॉरियर्स को प्रयाप्त उपकरण दिए जाएं.

हिसार: मंगलवार को सभी ट्रेड यूनियनों और फेडरेशन के नेताओं की मीटिंग पृथ्वी प्रभात भवन नवदीप कॉलोनी में हुई. जिसकी अध्यक्षता सीटू जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार ने की और संचालन मोहन लाल राजली ने किया. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 3 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर सभी ब्लॉक्स में प्रदर्शन के माध्यम से विरोध कार्रवाई की जाएगी.

ट्रेड यूनियन के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में कर्मचारियों का फायदा उठाया जा रहा है. उनसे 8 घंटे की बजाय 12 घंटे का काम लिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ट्रेड यूनियनों के अधिकारों को धीरे-धीर समाप्त करने की योजना बना रही है.

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों में विकास नहीं करवा रही है, बल्कि रेलवे, डाकखाना, टेलीफोन, एलआईसी, बीमा कंपनी, बैंक, बिजली, सरकारी परिवहन और अनेक सरकारी बड़ी कंपनियों को बड़े पूंजीपतियों के हवाले कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने ये वादा किया था हर क्षेत्र में कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा. ठेका प्रथा खत्म की जाएगी, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मनरेगा में 200 दिन का काम दिया जाए और कम से कम 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए, ताकि मजदूर का घर आराम से चल सके.

उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार बेरोजगारों को भत्ता दे, स्वास्थ्य और शिक्षा में बजट बढ़ाए, हर मजदूर के खाते में कम से कम अगले 6 महीनों के लिए 7500 रुपये बैंक में डाले. साथ ही साथ कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोरोना वॉरियर्स को प्रयाप्त उपकरण दिए जाएं.

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