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मनुष्यों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू? एक्सपर्ट से जानें बचने के उपाय - बर्ड फ्लू पशु चिकित्सक राय

हिसार जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि हिसार जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिला में लगभग 425 पोल्ट्री फार्म, जिनमें 41 लाख 63 हजार 822 पक्षी हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग को आगामी दिनों में नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी मामले की सूचना आने पर त्वरित कार्रवाई की जाए.

Tips to avoid bird flu by experts
मनुष्यों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू
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Published : Jan 20, 2021, 8:04 PM IST

हिसार: कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और कई जगह से पक्षियों की मौत की खबरें भी सामने आ चुकी है. इन मरने वाले पक्षियों में H5N8 वायरस पाया गया है, ये वायरस भी प्राकृतिक रूप से जंगली पक्षियों में ही होता है लेकिन चिंताजनक बात ये है कि ये बड़ी ही आसानी से घरेलू पक्षियों और पोल्ट्री फॉर्म में फैल सकता है.

मरने वाले पक्षियों में मिला H5N8 वायरस

वहीं राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने पांच राज्यों से भेजे गए नमूनों में वायरस के दो उपभेदों, H5N1 और H5N8 की उपस्थिति की पुष्टि की है. हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों में, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कौवे और हरियाणा में चिकन में और केरल में मुर्गी के मांस में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं.

Tips to avoid bird flu by experts

H5N8 वायरस को लेकर पशु चिकित्सकों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की और ये जानने की कोशिश की कि इस वायरस से इंसानों को कितना खतरा है और ये वायरस कितने प्रकार का है. पशु चिकित्सकों ने इस बारे में भी जानकारी दी की ये वायरस किस तरह से फैलता है और कौन से पक्षी इस वायरस की चपेट में ज्यादा आते हैं.

पशु चिकत्सक डॉ. नरेश जिंदल ने बताया कि संक्रिमत पक्षी के मल के साथ ही नाक, मुंह और आंखों से निकलने वाले द्रव के संपर्क में आने से भी ये वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है. लेकिन राहतभरी ये है इस H5N8 वायरस का कोई भी मनुष्य जाति के ऊपर ज्यादा असर नहीं है.

उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू, एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है. ये संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लुएंजा टाइप-ए वायरस से होती है. यह बीमारी आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसी पक्षियों को ज्यादा प्रभावित करती है. ये वायरस पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी अपना शिकार बना सकता है.

पशु चिकित्सकों ने इस बारे में भी जानकारी दी कि ये वायरस मुर्गी, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता रहा है. ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसानों की मौत भी हो सकती है. अभी तक बर्ड फ्लू का बड़ा कारण पक्षियों को ही माना जाता रहा है.

Tips to avoid bird flu by experts
क्या करें और क्या नहीं करें

वहीं हिसार जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि हिसार जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिला में लगभग 425 पोल्ट्री फार्म, जिनमें 41 लाख 63 हजार 822 पक्षी हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग को आगामी दिनों में नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी मामले की सूचना आने पर त्वरित कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें: करनाल के लगभग 1 करोड़ 5 लाख पोल्ट्री पर बर्ड फ्लू का खतरा, चिकन व्यापारियों पर आर्थिक संकट

पशु चिकित्सकों का ये भी कहना है कि चिकन और अन्य मीट प्रोडक्ट का शौक रखने वाले लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर्स का कहना है कि संक्रिमित पक्षियों से मिलने वाले अंडों या मीट को अच्छी तरह से पकाने के बाद खाने से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होता है. लेकिन ध्यान रखें कि कभी भी कच्चे अंडे या मांस का सेवन न करें.

हिसार: कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और कई जगह से पक्षियों की मौत की खबरें भी सामने आ चुकी है. इन मरने वाले पक्षियों में H5N8 वायरस पाया गया है, ये वायरस भी प्राकृतिक रूप से जंगली पक्षियों में ही होता है लेकिन चिंताजनक बात ये है कि ये बड़ी ही आसानी से घरेलू पक्षियों और पोल्ट्री फॉर्म में फैल सकता है.

मरने वाले पक्षियों में मिला H5N8 वायरस

वहीं राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने पांच राज्यों से भेजे गए नमूनों में वायरस के दो उपभेदों, H5N1 और H5N8 की उपस्थिति की पुष्टि की है. हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों में, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कौवे और हरियाणा में चिकन में और केरल में मुर्गी के मांस में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं.

Tips to avoid bird flu by experts

H5N8 वायरस को लेकर पशु चिकित्सकों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की और ये जानने की कोशिश की कि इस वायरस से इंसानों को कितना खतरा है और ये वायरस कितने प्रकार का है. पशु चिकित्सकों ने इस बारे में भी जानकारी दी की ये वायरस किस तरह से फैलता है और कौन से पक्षी इस वायरस की चपेट में ज्यादा आते हैं.

पशु चिकत्सक डॉ. नरेश जिंदल ने बताया कि संक्रिमत पक्षी के मल के साथ ही नाक, मुंह और आंखों से निकलने वाले द्रव के संपर्क में आने से भी ये वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है. लेकिन राहतभरी ये है इस H5N8 वायरस का कोई भी मनुष्य जाति के ऊपर ज्यादा असर नहीं है.

उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू, एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है. ये संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लुएंजा टाइप-ए वायरस से होती है. यह बीमारी आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसी पक्षियों को ज्यादा प्रभावित करती है. ये वायरस पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी अपना शिकार बना सकता है.

पशु चिकित्सकों ने इस बारे में भी जानकारी दी कि ये वायरस मुर्गी, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता रहा है. ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसानों की मौत भी हो सकती है. अभी तक बर्ड फ्लू का बड़ा कारण पक्षियों को ही माना जाता रहा है.

Tips to avoid bird flu by experts
क्या करें और क्या नहीं करें

वहीं हिसार जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि हिसार जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिला में लगभग 425 पोल्ट्री फार्म, जिनमें 41 लाख 63 हजार 822 पक्षी हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग को आगामी दिनों में नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी मामले की सूचना आने पर त्वरित कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें: करनाल के लगभग 1 करोड़ 5 लाख पोल्ट्री पर बर्ड फ्लू का खतरा, चिकन व्यापारियों पर आर्थिक संकट

पशु चिकित्सकों का ये भी कहना है कि चिकन और अन्य मीट प्रोडक्ट का शौक रखने वाले लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर्स का कहना है कि संक्रिमित पक्षियों से मिलने वाले अंडों या मीट को अच्छी तरह से पकाने के बाद खाने से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होता है. लेकिन ध्यान रखें कि कभी भी कच्चे अंडे या मांस का सेवन न करें.

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