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हरियाणा: खेलने और पढ़ने की उम्र में ही बन गया मंझा हुआ बाइक मैकेनिक, बड़े-बड़े बुलाते हैं इन्हें उस्ताद

हरियाणा के पानीपत जिले में रहने वाला ये बच्चा... बाकी बच्चों से बिल्कुल अलग है... जी हां बच्चे जिस उम्र में खिलौनौ से खेलते हैं. उसी उम्र में खिलौने के बजाए इस बच्चे के हाथ में रिंच और पाना है. इस बच्चे का नाम मदन है, जो महज 10 साल का है, लेकिन इतनी सी छोटी उम्र में वो एक मंझा हुआ बाइक मैकेनिक (Bike Mechanic Madan Panipat) है...

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10 साल के मदन को उसकी उम्र से बड़े लोग भी उसे उस्ताद कहकर बुलाते हैं.
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Published : Nov 30, 2021, 1:49 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 2:31 PM IST

पानीपत : 10 साल की उम्र क्या होती है. खेलने कूदने की, स्कूल ना जाने के बहाने बनाने की, शरारते करने की.., लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले में रहने वाला ये बच्चा. बाकी बच्चों से बिल्कुल अलग है. जी हां बच्चे जिस उम्र में खिलौनौ से खेलते हैं. उसी उम्र में खिलौने के बजाए इस बच्चे के हाथ में रिंच और पाना (Mechanic Of Panipat) है. इस बच्चे का नाम मदन है, जो महज 10 साल का है, लेकिन इतनी सी छोटी उम्र में वो एक मंझा हुआ बाइक मैकेनिक (Bike Mechanic Madan Panipat) है. इस जूनियर मैकेनिक कि कारीगरी कि महारत इस हद तक पहुंच गई है कि वो किसी भी मोटरसाइकिल की आवाज सुन कर बता देता है कि गड़बड़ी कहां हुई है.

खास बात यह है कि इस बच्चे को मोटर मैकेनिक का काम किसी ने नहीं सिखाया है. इसने खुद से ही ये काम सीखा है और वो भी मात्र 6-7 महीनो में ही. अब यह 10 साल का बच्चा बड़ों- बड़ों का उस्ताद बन चुका है. क्योंकि अब इसकी उम्र से बड़े मकैनिक भी इससे से कई बार मदद लेने आते हैं. 10 साल के इस बच्चे का नाम मदन है. इसका परिवार उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. मदन के परिवार वाले एक फैक्ट्री के अंदर मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं. मदन पांच बहनों का इकलौता भाई है. वह स्कूल में पांचवी क्लास में पढ़ता है. कैसी भी और किसी भी तरह की मोटरसाइकिल हो 1 मिनट में ही फाल्ट पकड़ लेता है.

10 साल के मदन के पास उसकी उम्र से बड़े मैकेनिक मदद लेने के लिए आते हैं.

दुकान के मालिक ने बताया कि यह करीब 8 महीने से यहां बैठ कर सब कुछ देखता है. शुरुआत में इसे कई बार यहां से भगा दिया परंतु इसकी रूचि इतनी है कि यह यहां बैठकर हमें काम करता हुआ देखता है. जब उससे पूछा कि तुम यहां क्यों बैठते हो तो इसका यही जवाब था कि मुझे यह सब देखना और करना अच्छा लगता है. जब दुकान पर मोटरसाइकिल ठीक होने के लिए आती है तो यह पहले ही बता देता है कि बाइक में क्या कमी है. धीरे-धीरे यह देखकर सब कुछ सीख गया और वह खुद भी अचंभित है कि 10 साल का बच्चा इतनी जल्दी सब कुछ कैसे सीख गया.

ये भी पढ़ें : पानीपत की इस कॉलोनी को कहा जाता है 'जमाई कॉलोनी', जानिए इसके पीछे की दिलचस्प वजह

दुकान पर सभी मैकेनिक और उस्ताद मदन को उस्ताद बुलाते हैं इतना ही नहीं दूसरे मकैनिक भी जब किसी बाइक के फाल्ट में उलझ जाते हैं तो मदन की मदद ली जाती है. काम करने और सीखने की क्षमता इस बच्चे में नहीं बल्कि पढ़ाई में भी रहे अव्वल आता है. सभी मोटर मैकेनिक कहते हैं कि यह गॉड गिफ्टेड है वरना तो काम उन्होंने भी लगभग 3 से 4 साल लगाकर सीखा है.

ये भी पढ़ें : हरियाणा के इस गांव को कहा जाता है कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री, यहां के 16 प्लेयर खेल चुके हैं प्रो कबड्डी लीग

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पानीपत : 10 साल की उम्र क्या होती है. खेलने कूदने की, स्कूल ना जाने के बहाने बनाने की, शरारते करने की.., लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले में रहने वाला ये बच्चा. बाकी बच्चों से बिल्कुल अलग है. जी हां बच्चे जिस उम्र में खिलौनौ से खेलते हैं. उसी उम्र में खिलौने के बजाए इस बच्चे के हाथ में रिंच और पाना (Mechanic Of Panipat) है. इस बच्चे का नाम मदन है, जो महज 10 साल का है, लेकिन इतनी सी छोटी उम्र में वो एक मंझा हुआ बाइक मैकेनिक (Bike Mechanic Madan Panipat) है. इस जूनियर मैकेनिक कि कारीगरी कि महारत इस हद तक पहुंच गई है कि वो किसी भी मोटरसाइकिल की आवाज सुन कर बता देता है कि गड़बड़ी कहां हुई है.

खास बात यह है कि इस बच्चे को मोटर मैकेनिक का काम किसी ने नहीं सिखाया है. इसने खुद से ही ये काम सीखा है और वो भी मात्र 6-7 महीनो में ही. अब यह 10 साल का बच्चा बड़ों- बड़ों का उस्ताद बन चुका है. क्योंकि अब इसकी उम्र से बड़े मकैनिक भी इससे से कई बार मदद लेने आते हैं. 10 साल के इस बच्चे का नाम मदन है. इसका परिवार उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. मदन के परिवार वाले एक फैक्ट्री के अंदर मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं. मदन पांच बहनों का इकलौता भाई है. वह स्कूल में पांचवी क्लास में पढ़ता है. कैसी भी और किसी भी तरह की मोटरसाइकिल हो 1 मिनट में ही फाल्ट पकड़ लेता है.

10 साल के मदन के पास उसकी उम्र से बड़े मैकेनिक मदद लेने के लिए आते हैं.

दुकान के मालिक ने बताया कि यह करीब 8 महीने से यहां बैठ कर सब कुछ देखता है. शुरुआत में इसे कई बार यहां से भगा दिया परंतु इसकी रूचि इतनी है कि यह यहां बैठकर हमें काम करता हुआ देखता है. जब उससे पूछा कि तुम यहां क्यों बैठते हो तो इसका यही जवाब था कि मुझे यह सब देखना और करना अच्छा लगता है. जब दुकान पर मोटरसाइकिल ठीक होने के लिए आती है तो यह पहले ही बता देता है कि बाइक में क्या कमी है. धीरे-धीरे यह देखकर सब कुछ सीख गया और वह खुद भी अचंभित है कि 10 साल का बच्चा इतनी जल्दी सब कुछ कैसे सीख गया.

ये भी पढ़ें : पानीपत की इस कॉलोनी को कहा जाता है 'जमाई कॉलोनी', जानिए इसके पीछे की दिलचस्प वजह

दुकान पर सभी मैकेनिक और उस्ताद मदन को उस्ताद बुलाते हैं इतना ही नहीं दूसरे मकैनिक भी जब किसी बाइक के फाल्ट में उलझ जाते हैं तो मदन की मदद ली जाती है. काम करने और सीखने की क्षमता इस बच्चे में नहीं बल्कि पढ़ाई में भी रहे अव्वल आता है. सभी मोटर मैकेनिक कहते हैं कि यह गॉड गिफ्टेड है वरना तो काम उन्होंने भी लगभग 3 से 4 साल लगाकर सीखा है.

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Last Updated : Nov 30, 2021, 2:31 PM IST
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