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नशे से होने वाले नुकसानों को लेकर ग्रामीणों को जागरुक कर रहे कलाकार

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Published : Feb 8, 2021, 7:19 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 6:23 AM IST

हिसार में महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से चलाए गए पोषाहार अभियान के तहत कलाकारों ने नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से नशा मुक्ति और दिनचर्या में सुधार के बारे में जागरूक किया.

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नशे से होने वाले नुक्सानों को लेकर ग्रामीणों को जागरुक कर रहे कलाकार

हिसार: जिले में चलाए जा रहे पोषाहार अभियान के तहत विभिन्न गांवों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान ग्रामवासियों को नशा मुक्ति का संदेश दिया जा रहा है. इस दौरान बताया गया कि नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है.

नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बताया गया कि कैसे समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है. चिट्टा, कोकीन, चरस, अफीम और शराब ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनके प्रभाव में व्यक्ति अपराध कर बैठता है. इन अपराधों का सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं, इसलिए हमें सामाजिक तौर पर सोच बदलकर अपने घर से ही जागरूकता की शुरुआत करनी होगी.

ये पढें- करनाल: प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना को लागू करने में कल्पना चावला अस्पताल आया पहले स्थान पर

महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से चलाए गए पोषाहार अभियान के तहत कलाकारों ने नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को बेहतर खानपान और दिनचर्या में सुधार के बारे में जागरूक किया. बिना जागरुकता के किशोरियों और महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया की समस्या काफी गंभीर है.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर: फाइनेंसर से तंग आकर रेलवे कर्मी ने की आत्महत्या

इस समस्या को समाप्त करने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है, जिसमें कार्बोहाइडे्रट, विटामिन, मिनरल, प्रोटिन तथा जरूरी फैट्स होने चाहिए. इसके अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक बुराईयों जैसे कि नशाखोरी, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि विषयों पर भी महिलाओं और ग्रामीणों को जागरुक किया गया.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी: घर से मिलने के बहाने बाहर बुलाया, छात्र की गोली मारकर हत्या

हिसार: जिले में चलाए जा रहे पोषाहार अभियान के तहत विभिन्न गांवों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान ग्रामवासियों को नशा मुक्ति का संदेश दिया जा रहा है. इस दौरान बताया गया कि नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है.

नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बताया गया कि कैसे समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है. चिट्टा, कोकीन, चरस, अफीम और शराब ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनके प्रभाव में व्यक्ति अपराध कर बैठता है. इन अपराधों का सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं, इसलिए हमें सामाजिक तौर पर सोच बदलकर अपने घर से ही जागरूकता की शुरुआत करनी होगी.

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महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से चलाए गए पोषाहार अभियान के तहत कलाकारों ने नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को बेहतर खानपान और दिनचर्या में सुधार के बारे में जागरूक किया. बिना जागरुकता के किशोरियों और महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया की समस्या काफी गंभीर है.

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इस समस्या को समाप्त करने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है, जिसमें कार्बोहाइडे्रट, विटामिन, मिनरल, प्रोटिन तथा जरूरी फैट्स होने चाहिए. इसके अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक बुराईयों जैसे कि नशाखोरी, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि विषयों पर भी महिलाओं और ग्रामीणों को जागरुक किया गया.

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Last Updated : Feb 9, 2021, 6:23 AM IST
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