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गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक करीब 402 पशुओं की मौत, जानें क्या है कारण? - hisar latest news

हिसार में आवारा पशुओं के लिए गौ अभ्यारण बनाया गया है. जिसमें हर दिन गाएं मर रही हैं. नवंबर तक करीब 402 पशुओं की मौत हो चुकी है. वहीं फिलहाल के दिनों में हर रोज 2 गाय इस अभ्यारण में मर रही हैं.

stray animal died in cow sanctuary hisar
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Published : Jan 1, 2020, 9:08 PM IST

हिसार: 2016 में हरियाणा सरकार के तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने हिसार के ढंढूर गांव में 50 एकड़ भूमि पर गौ अभ्यारण का शिलान्यास किया था. गौ अभ्यारण का उद्देश्य शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के साथ-साथ गोवंश को सुविधा देना था.

हिसार को लगभग 2 साल पहले आवारा पशु मुक्त घोषित किया जा चुका है. लेकिन मौजूदा हालात ऐसे नहीं हैं. शहर को आवारा पशुओं से मुक्त की घोषणाएं केवल कागजी नजर आती हैं. शहर भर का आलम ये है कि सड़कों पर चारों ओर आपको आवारा पशु घूमते नजर आएंगे, जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन विफल दिखाई दे रहा है.

गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक करीब 402 पशुओं की मौत, जाने क्या है कारण?

हिसार में इसे नगर निगम विभाग की लापरवाही कह लीजिए या फिर पशुओं की बदकिस्मती गौ अभ्यारण सेंटर में रोजाना पशुओं की मौत हो रही है. गौ अभ्यारण में लगभग 2400 गाय और गोवंश हैं. गौ अभ्यारण में 2045 गाय, 410 नंदी हैं. इसी तरह धांसू में बने गौ अभ्यारण में 922 नंदी हैं. हिसार के ढंडूर गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक लगभग 402 पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन दिसंबर माह जिसमें भयंकर सर्दी पड़ रही है इस महीने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.

हर दिन मरती हैं 2 से तीन गाय

पिछले 3 दिनों में ही रोजाना एक दर्जन के करीब पशुओं की मौत हो चुकी है. नगर निगम का कहना है कि शहर से लाई गई बेसहारा गायों के पेट में पॉलिथीन होने और उनके बीमार होने के कारण दो से तीन गायों की प्रतिदिन औसतन मौत हो रही है.

पॉलिथिन खाने से मर रही गाएं

नगर निगम के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर रामजीलाल ने कहा कि रोजाना दो से तीन गायों औसतन मर रही हैं. मौत सर्दी से नहीं बल्कि बीमार और पॉलिथीन खाने वाले पशुओं की हो रही हैं. शहर के दानी सज्जनों के सहयोग से भी गौ अभ्यारण में सुविधा की जा रही है. पशुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जा रही है.

ये भी पढ़ें:- बिना सब्सिडी के सिलिंडर की कीमतों में 19 रुपये की बढ़ोतरी

अभ्यारण में आएंगे और पशु

अभी आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम कुछ समय के लिए धीमी की गई है. तापमान में काफी गिरावट है जिसको देखते हुए अन्य सैड आदि का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके तैयार होने पर अन्य पशुओं को भी गौ अभ्यारण में लाया जाएगा.

हिसार: 2016 में हरियाणा सरकार के तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने हिसार के ढंढूर गांव में 50 एकड़ भूमि पर गौ अभ्यारण का शिलान्यास किया था. गौ अभ्यारण का उद्देश्य शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के साथ-साथ गोवंश को सुविधा देना था.

हिसार को लगभग 2 साल पहले आवारा पशु मुक्त घोषित किया जा चुका है. लेकिन मौजूदा हालात ऐसे नहीं हैं. शहर को आवारा पशुओं से मुक्त की घोषणाएं केवल कागजी नजर आती हैं. शहर भर का आलम ये है कि सड़कों पर चारों ओर आपको आवारा पशु घूमते नजर आएंगे, जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन विफल दिखाई दे रहा है.

गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक करीब 402 पशुओं की मौत, जाने क्या है कारण?

हिसार में इसे नगर निगम विभाग की लापरवाही कह लीजिए या फिर पशुओं की बदकिस्मती गौ अभ्यारण सेंटर में रोजाना पशुओं की मौत हो रही है. गौ अभ्यारण में लगभग 2400 गाय और गोवंश हैं. गौ अभ्यारण में 2045 गाय, 410 नंदी हैं. इसी तरह धांसू में बने गौ अभ्यारण में 922 नंदी हैं. हिसार के ढंडूर गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक लगभग 402 पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन दिसंबर माह जिसमें भयंकर सर्दी पड़ रही है इस महीने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.

हर दिन मरती हैं 2 से तीन गाय

पिछले 3 दिनों में ही रोजाना एक दर्जन के करीब पशुओं की मौत हो चुकी है. नगर निगम का कहना है कि शहर से लाई गई बेसहारा गायों के पेट में पॉलिथीन होने और उनके बीमार होने के कारण दो से तीन गायों की प्रतिदिन औसतन मौत हो रही है.

पॉलिथिन खाने से मर रही गाएं

नगर निगम के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर रामजीलाल ने कहा कि रोजाना दो से तीन गायों औसतन मर रही हैं. मौत सर्दी से नहीं बल्कि बीमार और पॉलिथीन खाने वाले पशुओं की हो रही हैं. शहर के दानी सज्जनों के सहयोग से भी गौ अभ्यारण में सुविधा की जा रही है. पशुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जा रही है.

ये भी पढ़ें:- बिना सब्सिडी के सिलिंडर की कीमतों में 19 रुपये की बढ़ोतरी

अभ्यारण में आएंगे और पशु

अभी आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम कुछ समय के लिए धीमी की गई है. तापमान में काफी गिरावट है जिसको देखते हुए अन्य सैड आदि का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके तैयार होने पर अन्य पशुओं को भी गौ अभ्यारण में लाया जाएगा.

Intro:एंकर - हरियाणा सरकार में 2016 के तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने हिसार के ढंढूर गांव में 50 एकड़ भूमि पर गौ अभ्यारण का शिलान्यास किया। गौ अभ्यारण का उद्देश्य शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के साथ-साथ गोवंश को सुविधाएं देना था। हिसार को लगभग 2 साल पहले आवारा पशु मुक्त घोषित किया जा चुका है। शहर को आवारा पशुओं से मुक्त की घोषणाएं केवल कागजी हैं, धरातल पर हकीकत यह है कि शहर में आवारा पशुओं की भरमार है जिस पर लगाम लगाने में प्रशासन विफल है।

हिसार में इसे नगर निगम विभाग की लापरवाही कह लीजिए या फिर पशुओं की बदकिस्मती गौ अभ्यारण सेंटर में रोजाना पशुओं की मौत हो रही है। गौ अभ्यारण में लगभग 2400 गाय और गोवंश हैं। गौ अभ्यारण में 2045 गाय, 410 नंदी हैं। इसी तरह धांसू में बने गौ अभ्यारण में 922 नंदी हैं। हिसार के ढंडूर गौ अभ्यारण में 30 नवंबर तक लगभग 402 पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन दिसंबर माह जिसमें भयंकर सर्दी पड़ रही है इस महीने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पिछले 3 दिनों में ही रोजाना एक दर्जन के करीब पशुओं की मौत हो चुकी है। नगर निगम का कहना है कि शहर से लाई गई बेसहारा गायों के पेट में पॉलिथीन होने और उनके बीमार होने के कारण दो से तीन गायों की प्रतिदिन औसतन मौत हो रही है।




Body:वीओ - नगर निगम के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर रामजीलाल ने कहा कि रोजाना दो से तीन गायों औसतन मर रही हैं। मौत सर्दी से नहीं बल्कि बीमार और पॉलिथीन खाने वाले पशुओं की हो रही हैं। उन्होंने कहा कि शहर के दानी सज्जनों के सहयोग से भी गौ अभ्यारण में सुविधा की जा रही है। पशुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जा रही। रामजीलाल ने कहा कि अभी आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम कुछ समय के लिए धीमी की गई है। उन्होंने कहा कि तापमान में काफी गिरावट है। अन्य सैड आदि का निर्माण कार्य चल रहा है जिसके तैयार होने पर अन्य पशुओं को भी गौ अभ्यारण में लाया जाएगा।

बाइट - रामजीलाल, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर नगर निगम हिसार।


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