हिसार: पुरातत्व-संग्रहालय एवं श्रम-रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक ने गांव बिठमड़ा और राजली में फसलों और रिहायशी क्षेत्रों में घुसे बरसाती पानी की स्थिति का निरीक्षण किया. उन्होंने पानी की निकासी के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
राज्यमंत्री अनूप धानक पहले गांव बिठमड़ा पहुंचे और यहां खेतों और गांव की गलियों में घुसे पानी का निरीक्षण किया. इस दौरान मंत्री को ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले हुई भारी बरसात के कारण आसपास का पानी भी इस इलाके में इकट्ठा हो गया है. गांव की दो से ढ़ाई हजार एकड़ फसल पानी भरने से खराब हो गई है. प्रशासन की ओर से पानी निकासी को लेकर दो पंप लगाए गए हैं, लेकिन ये काफी नहीं हैं.
इस पर राज्य मंत्री अनूप धानक ने सिंचाई विभाग के अधिकारिओं को तुरंत अतिरिक्त पंप लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जल्दी पानी निकलवाने के लिए ट्रैक्टर से चलने वाले बर्मे और पंप लगवाएं जाएं. साथ ही किसी निजी कंपनी को इस काम में लगाया जाए, जिससे कि जल्द से जल्द लोगों को इस पानी ने छुटकारा मिले. उन्होंने कहा कि किसानों की खेती और गांव में किसी प्रकार का नुकसान ना होने दिया जाए.
राज्य मंत्री ने कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को खेतों में पानी भरने से फसलों को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नरमा आदि जिन फसलों में नुकसान हुआ है. उसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए. उन्होंने किसानों को बताया कि अब सरकार ने फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया है. यदि किसान फसल बीमा नहीं करवाना चाहते तो वे इसकी लिखित सूचना बैंक को दें. जो किसान बीमा नहीं करवाते, उनकी फसलों में हुए नुकसान की भरपाई नियमानुसार सरकार की ओर से की जाएगी.
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वहीं गांव राजली के लोगों ने राज्य मंत्री के सामने ड्रेन बनवाने और फसलों की गिरदावरी करवाने की मांग की. जिस पर राज्य मंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस दौरान बरवाला एसडीएम राजेश कुमार, पीडब्ल्यूडी, बीएंडआर के एक्सईएन मनोज ओला, कृषि उपनिदेशक डॉ. विनोद फोगाट, जेजेपी के हलका अध्यक्ष कैप्टन छज्जूराम, नायब तहसीलदार धर्मवीर नैन और एसडीओ सुनील सैनी भी मौजूद रहे.