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रोडवेज तालमेल कमेटी ने 14 अक्तूबर से भूख हड़ताल पर बैठने का लिया निर्णय

रोडवेज तालमेल कमेटी ने हिसार में 14 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया. तालमेल कमेटी का कहना है कि रोडवेज प्रशासन उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.

hisar roadways strike
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Published : Oct 12, 2020, 7:44 AM IST

Updated : Oct 12, 2020, 8:35 AM IST

हिसार: कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं होने को लेकर रोडवेज तालमेल कमेटी नेताओं ने डिपो महाप्रबंधक के साथ हुई बैठक में नाराजागी जताई है. इसको लेकर 14 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया है.

तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सुरजमल पाबड़ा ने बताया कि आठ अगस्त को महाप्रबंधक के साथ हुई तालमेल कमेटी की मीटिंग में 15-20 दिनों में समस्याओं के समाधान करने की बात कही थी. इसके बाद कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान करने को लेकर तालमेल कमेटी ने 21 अगस्त को 21 सूत्रीय मांग पत्र महाप्रबंधक को दिया गया था.

महाप्रबंधक द्वारा दिए गए मांग पत्र को गम्भीरता से ना लेने के कारण तालमेल कमेटी ने धरना प्रदर्शन आदि करके रोष प्रकट किया और 12 सितम्बर को 2 घंटे चक्का जाम का नोटिस दिया. इस पर महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी के साथ बातचीत करने व 15-20 दिनों में समस्याओं के समाधान का आश्वासन देने के बाद तालमेल कमेटी ने उपरोक्त चक्का जाम करने के फैसले को स्थगित कर दिया.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 'मनोहर सरकार का विकास सिर्फ घोषणाओं में होता है'

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का लेकर 9 अक्तूबर को महाप्रबंधक के साथ हुई तालमेल कमेटी की बैठक में कर्मचारी नेताओं ने महसूस किया गया कि रोडवेज प्रशासन जानबूझकर कर्मचारियों की समस्याओं को गम्भीरता से लेने की बजाय लीपा-पोती करने में लगा हुआ है. डी ग्रुप में लगे वर्कशाप कर्मचारियों को मिलने वाली इंक्रीमेंट अभी तक नहीं दी गई है, जबकि इनके साथ लगे अन्य डिपूओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों को वार्षिक इंक्रीमेंट का लाभ दिया जा चुका है.

वहीं विभाग से सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान का देय एसीपी लाभ देने में देरी की जा रही है. लगभग दस माह से टीए ब्रांच में करीब तीन सौ केस लम्बित पड़े हुए हैं, जिस कारण सैकड़ों चालक-परिचालकों को मिलने वाला आर्थिक लाभ रुका हुआ है. वर्कशॉप में बंदरों के आतंक के कारण कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है. बन्दरों द्वारा वर्कशाप में खड़ी बसों की सीटों को नुकसान पहुंचाने व साइड शीशे तोड़ने व कर्मचारियों को काटने की शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इसको लेकर अभी तक रोडवेज प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

कर्मचारी नेता राजपाल नैन ने कहा कि महाप्रबंधक की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे कर्मचारियों की समस्याओं को गम्भीरता से लेकर उनकी जायज समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि महाप्रबंधक ने अपने रवैये में सुधार नहीं किया तो तालमेल कमेटी चक्का जाम करने से भी गुरेज नहीं करेगी जिसकी जिम्मेदारी रोडवेज प्रशासन की होगी.

ये भी पढ़ें- पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने हिमाचल का माउंट फ्रेंडशिप पर्वत किया फतेह

हिसार: कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं होने को लेकर रोडवेज तालमेल कमेटी नेताओं ने डिपो महाप्रबंधक के साथ हुई बैठक में नाराजागी जताई है. इसको लेकर 14 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया है.

तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सुरजमल पाबड़ा ने बताया कि आठ अगस्त को महाप्रबंधक के साथ हुई तालमेल कमेटी की मीटिंग में 15-20 दिनों में समस्याओं के समाधान करने की बात कही थी. इसके बाद कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान करने को लेकर तालमेल कमेटी ने 21 अगस्त को 21 सूत्रीय मांग पत्र महाप्रबंधक को दिया गया था.

महाप्रबंधक द्वारा दिए गए मांग पत्र को गम्भीरता से ना लेने के कारण तालमेल कमेटी ने धरना प्रदर्शन आदि करके रोष प्रकट किया और 12 सितम्बर को 2 घंटे चक्का जाम का नोटिस दिया. इस पर महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी के साथ बातचीत करने व 15-20 दिनों में समस्याओं के समाधान का आश्वासन देने के बाद तालमेल कमेटी ने उपरोक्त चक्का जाम करने के फैसले को स्थगित कर दिया.

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उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का लेकर 9 अक्तूबर को महाप्रबंधक के साथ हुई तालमेल कमेटी की बैठक में कर्मचारी नेताओं ने महसूस किया गया कि रोडवेज प्रशासन जानबूझकर कर्मचारियों की समस्याओं को गम्भीरता से लेने की बजाय लीपा-पोती करने में लगा हुआ है. डी ग्रुप में लगे वर्कशाप कर्मचारियों को मिलने वाली इंक्रीमेंट अभी तक नहीं दी गई है, जबकि इनके साथ लगे अन्य डिपूओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों को वार्षिक इंक्रीमेंट का लाभ दिया जा चुका है.

वहीं विभाग से सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान का देय एसीपी लाभ देने में देरी की जा रही है. लगभग दस माह से टीए ब्रांच में करीब तीन सौ केस लम्बित पड़े हुए हैं, जिस कारण सैकड़ों चालक-परिचालकों को मिलने वाला आर्थिक लाभ रुका हुआ है. वर्कशॉप में बंदरों के आतंक के कारण कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है. बन्दरों द्वारा वर्कशाप में खड़ी बसों की सीटों को नुकसान पहुंचाने व साइड शीशे तोड़ने व कर्मचारियों को काटने की शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इसको लेकर अभी तक रोडवेज प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

कर्मचारी नेता राजपाल नैन ने कहा कि महाप्रबंधक की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे कर्मचारियों की समस्याओं को गम्भीरता से लेकर उनकी जायज समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि महाप्रबंधक ने अपने रवैये में सुधार नहीं किया तो तालमेल कमेटी चक्का जाम करने से भी गुरेज नहीं करेगी जिसकी जिम्मेदारी रोडवेज प्रशासन की होगी.

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Last Updated : Oct 12, 2020, 8:35 AM IST
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