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रामकुमार गौतम के बागी सुर, बोले- जेजेपी एक फैमिली पार्टी, नहीं कोई जनाधार - रामकुमार गौतम बागी दुष्यंत चौटाला

हाल में जेजेपी ने राजस्थान, उत्तराखंड और गुजरात के लिए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इसपर गौतम ने कहा कि शाखा तो ये चांद पर भी बना दें लेकिन इसका कोई आधार तो नहीं. जब हरियाणा में ही पार्टी का कोई आधार नहीं. तो फिर शाखा बनाने से कोई फायदा नहीं.

Ramkumar Gautam jjp mla Narnaund
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Published : Dec 21, 2020, 6:11 PM IST

हिसार: नारनौंद से जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के खिलाफ बागी सुर और तेज हो चुके हैं. सोमवार को उन्होंने किसानों के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा. रामकुमार गौतम ने कहा कि वो इस्तीफा देकर दोबारा उचाना से चुनाव लड़कर देख ले. उनको पता चल जाएगा कि कितना आधार बचा हुआ है.

तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान 26 दिन से दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. इस सवाल पर रामकुमार गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए. अगर किसानों की मांग पूरी नहीं होगी तो देश में स्थिति बिगड़ सकती है.

रामकुमार गौतम के बागी सुर, जानें दुष्यंत के बारे में क्या कहा.

बागी हुए जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम!

जेजेपी विधायक ने कहा कि किसानों को फसलों और सब्जियों सही रेट नहीं मिल रहा है. पत्रकारों ने जब उनसे किसान आंदोलन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में तो दुष्यंत चौटाला से पूछे, उसके पिता अजय चौटाला से पूछो या उनकी माता नैना चौटाला से पूछो. इसका जवाब वो ही देंगे.

जेजेपी का नहीं कोई जनाधार- गौतम

रामकुमार गौतम ने कहा कि वैसे भी ये घर की पार्टी है. जनता की नहीं. हाल में जेजेपी ने राजस्थान, उत्तराखंड और गुजरात के लिए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इसपर गौतम ने कहा कि शाखा तो ये चांद पर भी बना दें लेकिन इसका कोई आधार तो नहीं. जब हरियाणा में ही पार्टी का कोई आधार नहीं. तो फिर शाखा बनाने से कोई फायदा नहीं.

'इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़कर देख ले दुष्यंत'

उन्होंने कहा कि अगर जेजेपी का कोई आधार होता तो बरोदा उपचुनाव में वो योगेश्वर दत्त को जीता देते, लेकिन वो 1000 वोट तक नहीं उनको दिला पाए. जिसकी वजह से पहलवान योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा. दुष्यंत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर दुष्यंत अपनी राजनीति को दांव पर रखते हुए पद से इस्तीफा देकर दोबारा उचाना से चुनाव लड़े तो उनको पता चल जाएगा कि कितना आधार बचा है.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन का असर? मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जनसभा में खाली दिखी कुर्सियां

विधायक ने कहा कि देश के किसानों को खेती में कई तरीके से मार पड़ी है. किसानों को खेत में पानी ना मिलना, ओले पड़ना, ज्यादा बरसात होना, सूखा पड़ना और मंडियों में किसानों को फसलों और सब्जियों के पूरे भाव ना मिलना. ये किसान की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि आज देश की तीनों सेनाओं में किसानों के बेटे देश की रक्षा के लिए अपनी सेवा दे रहे हैं. सभी सैनिक ज्यादातर गांव की पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं. उन्होंने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान करें.

हिसार: नारनौंद से जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के खिलाफ बागी सुर और तेज हो चुके हैं. सोमवार को उन्होंने किसानों के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा. रामकुमार गौतम ने कहा कि वो इस्तीफा देकर दोबारा उचाना से चुनाव लड़कर देख ले. उनको पता चल जाएगा कि कितना आधार बचा हुआ है.

तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान 26 दिन से दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. इस सवाल पर रामकुमार गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए. अगर किसानों की मांग पूरी नहीं होगी तो देश में स्थिति बिगड़ सकती है.

रामकुमार गौतम के बागी सुर, जानें दुष्यंत के बारे में क्या कहा.

बागी हुए जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम!

जेजेपी विधायक ने कहा कि किसानों को फसलों और सब्जियों सही रेट नहीं मिल रहा है. पत्रकारों ने जब उनसे किसान आंदोलन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में तो दुष्यंत चौटाला से पूछे, उसके पिता अजय चौटाला से पूछो या उनकी माता नैना चौटाला से पूछो. इसका जवाब वो ही देंगे.

जेजेपी का नहीं कोई जनाधार- गौतम

रामकुमार गौतम ने कहा कि वैसे भी ये घर की पार्टी है. जनता की नहीं. हाल में जेजेपी ने राजस्थान, उत्तराखंड और गुजरात के लिए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इसपर गौतम ने कहा कि शाखा तो ये चांद पर भी बना दें लेकिन इसका कोई आधार तो नहीं. जब हरियाणा में ही पार्टी का कोई आधार नहीं. तो फिर शाखा बनाने से कोई फायदा नहीं.

'इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़कर देख ले दुष्यंत'

उन्होंने कहा कि अगर जेजेपी का कोई आधार होता तो बरोदा उपचुनाव में वो योगेश्वर दत्त को जीता देते, लेकिन वो 1000 वोट तक नहीं उनको दिला पाए. जिसकी वजह से पहलवान योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा. दुष्यंत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर दुष्यंत अपनी राजनीति को दांव पर रखते हुए पद से इस्तीफा देकर दोबारा उचाना से चुनाव लड़े तो उनको पता चल जाएगा कि कितना आधार बचा है.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन का असर? मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जनसभा में खाली दिखी कुर्सियां

विधायक ने कहा कि देश के किसानों को खेती में कई तरीके से मार पड़ी है. किसानों को खेत में पानी ना मिलना, ओले पड़ना, ज्यादा बरसात होना, सूखा पड़ना और मंडियों में किसानों को फसलों और सब्जियों के पूरे भाव ना मिलना. ये किसान की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि आज देश की तीनों सेनाओं में किसानों के बेटे देश की रक्षा के लिए अपनी सेवा दे रहे हैं. सभी सैनिक ज्यादातर गांव की पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं. उन्होंने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान करें.

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