हिसार: केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि अध्यादेश को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों ने ठान ली है कि वो कृषि अध्यादेशों में बदलाव करवा कर ही रहेंगे तो दूसरी तरफ सरकार भी फैसले पर अड़ी हुई है. किसानों द्वारा हरियाणा में किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है और इसका असर भी देखने को मिल रहा है.
किसानों का आज हरियाणा बंद का एलान
केंद्र सरकार द्वारा तीन अध्यादेश के विरोध में हरियाणा की मंडियां शनिवार को पूरी तरह बंद रही. कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सरकार के साथ निर्णायक लड़ाई की शुरुआत करने से पहले किसानों ने भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले हिसार की नई अनाज मंडी में अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा. किसानों के धरने को समर्थन देने के लिए हरियाणा व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग और बहुत से आढ़ती भी वहां पहुंचे.
इस दौरान किसान यूनियन ने ऐलान किया करते हुए कहा कि रविवार को हरियाणा बंद की पूरी तैयारियां किसानों ने कर ली हैं. इस मौके पर बजरंग दास गर्ग ने किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि अब तो राज्य के कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री और खुद प्रधानमंत्री भी ये कह रहे हैं कि किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी, अगर ये सही है तो फिर सरकार क्यों नहीं तीनों कृषि अध्यादेशों में बदलाव करके ये बात साबित कर रही है.
'अडाणी और अंबानी को फायदा पहुंचा रही है सरकार'
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि ये तीनों अध्यादेश सिर्फ अडाणी और अंबानी जैसे बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए है. उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों से देश का किसान और आढ़ती दोनों बर्बाद हो जाएंगे.
तीनों कृषि अध्यादेशों में किसान और व्यापारी सिर्फ छोटा सा बदलाव करने के लिए ही तो बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बस सरकार अध्यादेशों में ये लिख दे कि कृषि उपज मंडियों में आढ़तियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी, उसके बाद किसान अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे.