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हिसारः मानसून के लिए करना पड़ेगा इंतजार, जून के तीसरे सप्ताह तक आने की उम्मीद

हरियाणा समेत पूरे उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप जारी है. पिछले एक दो दिनों में कई जगह हलकी बारिश से मौसम सुहावना तो हुआ है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जून के पहले सप्ताह में प्री मॉनसून आने के आसार हैं.

(फाइल फोटो)
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Published : Jun 12, 2019, 8:02 PM IST

हिसार: ग्लोबल वॉर्मिंग और वातावरण में बदलाव के कारण पिछले चार-पांच सालों के मुकाबले इस बार तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इस बार अभी तक अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया जा चुका है.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल खिचड़ ने बताया कि 11 से 13 जून के बीच तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी का पूर्वानुमान विभाग की तरफ से जारी किया गया है. जिससे तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावना देखी गई है.

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वहीं उन्होंने कहा कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण 11 और 12 की रात को जिले के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हुई है. जिसके कारण तापमान में कुछ गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन मौसम उमस भरा हो गया है.

प्री मॉनसून को लेकर मदनलाल खीचड़ ने कहा कि जून के तीसरे सप्ताह तक प्री मॉनसून के आने की संभावना है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि फसलों में सिंचाई शाम के वक्त करें ताकि पानी वेपोराइजेशन कम से कम हो और फसल को उसका अधिक लाभ मिले.

हिसार: ग्लोबल वॉर्मिंग और वातावरण में बदलाव के कारण पिछले चार-पांच सालों के मुकाबले इस बार तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इस बार अभी तक अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया जा चुका है.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल खिचड़ ने बताया कि 11 से 13 जून के बीच तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी का पूर्वानुमान विभाग की तरफ से जारी किया गया है. जिससे तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावना देखी गई है.

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वहीं उन्होंने कहा कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण 11 और 12 की रात को जिले के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हुई है. जिसके कारण तापमान में कुछ गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन मौसम उमस भरा हो गया है.

प्री मॉनसून को लेकर मदनलाल खीचड़ ने कहा कि जून के तीसरे सप्ताह तक प्री मॉनसून के आने की संभावना है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि फसलों में सिंचाई शाम के वक्त करें ताकि पानी वेपोराइजेशन कम से कम हो और फसल को उसका अधिक लाभ मिले.

Intro:ग्लोबल वार्मिंग और वातावरण में बदलाव के कारण पिछले चार-पांच सालों के मुकाबले इस बार तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बार अभी तक अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया जा चुका है। जिसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्से से होकर गुजरने के कारण तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ मदन लाल खिचड़ ने बताया कि 11 से 13 जून के बीच तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी का पूर्वानुमान विभाग की तरफ से जारी किया गया था। जिससे तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावना देखी गई थी। वहीं उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 11 और 12 की मध्यरात्रि को जिले के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हुई है जिसके कारण तापमान में कुछ गिरावट दर्ज हुई है लेकिन मौसम उमस भरा हो गया है।

वहीं प्री मानसून को लेकर मदनलाल खीचड़ ने कहा कि जून के तीसरे सप्ताह तक प्री मानसून के आने की संभावना है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि फसलों में सिंचाई शाम के वक्त करें ताकि पानी का वाष्पीकरण कम से कम हो और फसल को उसका अधिक लाभ मिले।

बाइट --- मदन लाल खिचड़, कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार।


Body:वहीं हिसार के उपयुक्त अशोक कुमार मीणा ने मानसून को लेकर पानी की निकासी और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए जानकारी देते हुए कहा कि प्रशासन ने पिछले साल मानसून के वक्त दो जगहों को चिन्हित किया था जहां पर जलभराव की स्थिति बनती है। इस बार मानसून से पहले पहले उन सभी जगहों पर पानी की निकासी की उचित व्यवस्था कर ली जाएगी।

बाइट --- अशोक कुमार मीणा, उपायुक्त हिसार।


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