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नारनौंद का जवान कश्मीर में शहीद, पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार - नारनौंद जवान शहीद

नारनौंद के रहने वाले बीएसएफ जवान सतीश कुमार जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए. बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव में लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Narnaund soldier martyred Jammu Kashmir
Narnaund soldier martyred Jammu Kashmir
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Published : Feb 3, 2021, 3:12 PM IST

हिसार: गांव जामनी खेड़ा निवासी बीएसएफ जवान सतीश कुमार जम्मू कश्मीर में बर्फीले तूफान में फंसने के कारण शहीद हो गए. उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव में लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

47 वर्षीय सतीश कुमार पुत्र प्रेम सिंह 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके बीएसएफ में सिपाही भर्ती हुए थे. उन्होंने बचपन से ही सोचा था कि वो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेंगे. इन दिनों सतीश कुमार की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में थी. वो चार सिपाहियों के साथ बर्फीली चोटी पर ड्यूटी कर रहे थे.

नारनौंद का जवान कश्मीर में शहीद, पैतृक गांव में किया अंतिम संस्कार

ड्यूटी करने के बाद जब वो वापस चोटी से नीचे आ रहे थे तो इस दौरान वो एक बर्फीले तूफान में फंस गए. जिसके बाद चारों सिपाहियों को ढूंढ कर नीचे लाया गया और इलाज के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन सतीश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: कृषि कानून से देश का भोजन चंद लोगों के गोदाम में चला जाएगा- गुरनाम सिंह चढूनी

उनके पार्थिव शरीर को जम्मू कश्मीर से हवाई जहाज में देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया था. दिल्ली से आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव जामड़ी खेड़ा में लाया गया. जहां पर उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

हिसार: गांव जामनी खेड़ा निवासी बीएसएफ जवान सतीश कुमार जम्मू कश्मीर में बर्फीले तूफान में फंसने के कारण शहीद हो गए. उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव में लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

47 वर्षीय सतीश कुमार पुत्र प्रेम सिंह 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके बीएसएफ में सिपाही भर्ती हुए थे. उन्होंने बचपन से ही सोचा था कि वो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेंगे. इन दिनों सतीश कुमार की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में थी. वो चार सिपाहियों के साथ बर्फीली चोटी पर ड्यूटी कर रहे थे.

नारनौंद का जवान कश्मीर में शहीद, पैतृक गांव में किया अंतिम संस्कार

ड्यूटी करने के बाद जब वो वापस चोटी से नीचे आ रहे थे तो इस दौरान वो एक बर्फीले तूफान में फंस गए. जिसके बाद चारों सिपाहियों को ढूंढ कर नीचे लाया गया और इलाज के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन सतीश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई.

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उनके पार्थिव शरीर को जम्मू कश्मीर से हवाई जहाज में देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया था. दिल्ली से आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव जामड़ी खेड़ा में लाया गया. जहां पर उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

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