हिसार: जननायक जनता पार्टी में बगावत शुरू हो चुकी है. नारनौंद से जेजेपी के विधायक रामकुमार गौतम का अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गौतम ने दुष्यंत चौटाल पर गंभीर राजनीतिक आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. रामकुमार गौतम ने पार्टी छोड़ने को लेकर कहा ये उनकी बनाई पार्टी है, इसलिए पार्टी नहीं केवल पद छोड़ा है.वहीं पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वैसे तो उन्हें पार्टी का आल इंडिया वाईस प्रेजिडेंट बना रखा था लेकिन पार्टी इंडिया स्तर की नहीं बल्कि ये तो हरियाणा की पार्टी है.
जेजेपी विधायक के बगावती सुर
रामकुमार गौतम ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मंत्री न बनने का दुख नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि किसी ने बताया ये आपस में गुरुग्राम के एंबियंस माल में मिलकर समझौता कर गए. उस बात का दर्द है, क्यों इतने लोग मारे चुनाव से पहले, चुनाव से पहले कर लेते समझौता. दुष्यंत के बारे में कहा गया कि 36 बिरादरी का नेता बनकर हरियाणा में भविष्य का नेता बनेगा, लेकिन जो बाप दादा की सोच थी, वही रही है. किसी की सोच को लेकर कोई क्या कर सकता है?
'9 विधायकों ने दुष्यंत को बनाया उप मुख्यमंत्री'
पार्टी नियमों को लेकर उन्होंने कहा कि अब पार्टी में तो कानून ऐसा बना हुआ है, जिस दिन MLA का पद छोड़ा जाएगा उस दिन पार्टी भी छोड़ी जाएगी. दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री हम 9 विधायकों ने बनाया है. जाटों का इतना बड़ा वोट बैंक मिला, लेकिन दुष्यंत को डिप्टी चीफ मिनिस्टर भी मैंने बनाया है.
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दुष्यंत के डिप्टी सीएम पद को लेकर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बृजेन्द्र से 9 हजार वोटों से हार हुई थी. मेरे सहयोग से विधानसभा चुनाव में अब उसकी मां को हराया है. उन्होंने कहा कि ये जाट बिरादरी में अपने से बड़ा नेता किसी को देखना ही नहीं चाहते.
रणजीत चौटाला को लेकर गौतम ने कहा कि उनका अपना राजनीतिक कद है. चौधरी देवीलाल का बेटा है. पहले मंत्री रह चुका है. काबिल और पढ़ा लिखा है. रणजीत कोई इनके बनाने से थोड़े ही बना है.
जेजेपी में बगावत
दुष्यंत के 11 विभाग रखने और उन्हें मंत्री ना बनाए जाने के चलते बगावत शुरू हुई है. कहीं ऐसा तो नहीं कि जितनी तेजी से उभरकर आई जेजेपी का ग्राफ उसी गति से नीचे चला जाएगा. विरोध के सुर एमएलए से कहीं पूरे खेमें तक ना पहुंच जाएं ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा.