हिसार: जिले में सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्करज यूनियन ने अपने पूर्व घोषित आंदोलन के तहत जिला प्रधान नरेश गौतम के नेतृत्व में सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता के कार्यालय का घेराव किया.
संगठन के आंदोलन के मद्देनजर सिंचाई विभाग के पूरे कैम्पस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिय गया था और कैम्पस के सभी मुख्य द्वारों को ताला लगाकर बंद कर दिया गया था. साथ ही सचिवालय रोड पर इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया गया था.
कर्मचारियों के भारी विरोध के कारण यूनियन के प्रांतीय नेता गंगाराम मौण, सुरेंद्रमान, सुरजप्रकाश भाटिया, ऋषिकेश ढांडा, कृष्ण कुमार रूल्हानिया व जिला कमेटी के सदस्य कैम्पस में प्रवेश करने में सफल हुए. जिसके बाद कर्मचारी नेताओं ने प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष रखा और चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों को कैम्पस के अंदर नहीं आने दिया गया तो रोड पर कर्मचारियों की भीड़ के कारण यातायात के आवागमन में अवरोध उत्पन्न होता है या किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी. यूनियन के अल्टीमेटम के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ और सिंचाई विभाग कैम्पस के मुख्य गेट को खोल कर सभी कर्मचारियों को कैम्पस में प्रवेश करवाया.
वहीं संगठन और अशीक्षक अभियंता के बीच बातचीत में सहमति बनी जिसको लेकर पत्र जारी करवाया गया. संगठन के प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय वरिष्ठ उपप्रधान गंगाराम मौण, प्रांतीय कोषाध्यक्ष सुरजप्रकाश भाटिया, मुख्य संगठनकर्ता सुरेंद्रमान व ऋषिकेश ढांडा, जिला कमेटी के जिला चेयरमैन चंद्रप्रकाश नागर, जिला प्रधान नरेश गौतम, सचिव रमेश शर्मा, कैशियर कपूर बैनीवाल और प्रशासन की ओर से उप पुलिस अधीक्षक राजबीर सैनी, निरीक्षक जसवंत सिंह विभागीय प्रशासन की ओर से सभी मंडलों के कार्यकारी अभियंता और अधीक्षक शामिल हुए. बातचीत के दौरान संगठन की सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई और उन पर सहमति बनी. जिसमें हांसी के ब्रांच प्रधान संदीप पुनिया के सस्पैंशन ऑर्डर रद्द करने और वृत कार्यालय द्वारा 28 अगस्त 2020 को जारी कर्मचारियों की प्रताडऩा संबंधित पत्रों को मौके पर ही रद्द करके उसकी प्रतिलिपियां संगठनक को दी गई.
कर्मचारियों ने भारी रोष प्रकट किया
पुलिस प्रशासन ने संगठन को आश्वस्त किया कि पानी चोरी की घटना के मुख्य आरोपी कांस्टेबल रमेश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाही साथ-साथ विभागीय कार्रवाही भी अमल में लाई जाएगी. दोषियों को सिंचाई विभाग के अधिनियम के अनुसार तलवान पत्र जारी कर दिए हैं. विभाग की ओर से पुलिस प्रशासन को पानी चोरी की विभिन्न धाराओं को एफआईआर में जोडऩे का निवेदन पत्र दे दिया गया है. इस दौरान कर्मचारियों में भारी रोष था और कर्मचारियों ने पूरे अनुशासन के साथ नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया.
फिर से आंदोलन की दी चेतावनी
वहीं घेराव प्रदर्शन की समाप्ति की घोषणा करते हुए जिला प्रधान नरेश गौतम ने प्रशासन को चेतावनी दी यदि दिए गए आश्वासन के अनुसार सिंचाई विभाग और पुलिस प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाही में किसी प्रकार की ढील दिखाई तो संगठन पुन:आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा.