हिसार : अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने पूरे जिले में मनरेगा को सही ढंग से लागू करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान मजदूर यूनियन जिला कमेटी हिसार ने प्रधानमंत्री के नाम 12 सूत्री मांग का ज्ञापन हिसार के उपायुक्त सौंपा.
केंद्र की जन विरोधी नीतियों के चलते रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे हैं लोग
प्रदर्शन के दौरान यूनियन के लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के लोगों को रोजी-रोटी का संकट है. गांव के अधिकतर लोगों के पास खेती करने की जमीन भी नहीं है. उन लोगों ने सरकार की नीतियों को जनविरोधी कहते हुए कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण हमारा देश 45 साल पीछे चला गया है.
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इस संबंध में अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य उपाध्य्क्ष रामअवतार सुलचानी ने कहा कि गांव देहात की आबादी का आधा हिस्सा भूमिहीन और खेतीहर मजदूरों का है. जो केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार जनविरोधी नीतियों के चलते रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में मनरेगा के कार्य दिवस और दिहाड़ी बढ़ोतरी करके सही पारदर्शिता से लागू करने की बजाय मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के काम पर मजदूरों के साथ अनेक प्रकार की दुर्घटनाएं घट रही है. जिसका उनको उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.
प्रशासन को दी चेतावनी
अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष रामअवतार सुलचानी ने कहा कि दिसंबर के अंत तक मनरेगा का काम सभी गांवों में लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि बाकी लागू मजदूरी का भुगतान तुरंत किया जाए. उन्होंने सरकार से मांग की कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख का मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वचंतों परिवारों को इसमें शामिल किया जाए.