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हादसे में गई भतीजे की जान तो चाचा ने छेड़ दिया सड़क सुरक्षा अभियान, केंद्र से मिला सम्मान - शमशेर कुंडू रोड सेफ्टी कार्यक्रम

शमशेर कुंडू साढ़े चार साल से लोगों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए दिन रात काम करते हैं. वो पूरे प्रदेश को दुर्घटना रहित बनाना चाहते हैं, उनके हिसाब से शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार ग्रामीण होते हैं.

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हादसे में गई भतीजे की जान तो शमशेर कुंडू ने छेड़ दिया सड़क सुरक्षा अभियान
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Published : Jan 23, 2021, 4:29 PM IST

हिसार: हर रोज हमारे देश में 415 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं, याना हर तीन मिनट में एक शख्स सड़क पर अपनी जान गवां रहा है, फिर भी बहुत से ऐसे लोग मिल जाते हैं जो यातायात के नियमों की बिल्कुल परवाह नहीं करते, लेकिन हमारे समाज में शमशेर कुंडू जैसे लोग भी हैं, जो लगातार इस कोशिश में लगे हैं कि सड़क पर किसी की मौत ना हो जाए.

40 वर्षीय शमशेर कुंडू हिसार के छोटे से गांव पाबड़ा में रहते हैं. पिछले साढ़े 4 साल से शमशेर कुंडू लोगों को सेफ्टी के बारे में जागरुक कर रहे हैं. वो अपने घर-बार की फिक्र छोड़ सड़क सुरक्षा के लिए अपना सारा समय देते हैं. यही वजह है कि शमशेर कुंडू को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से राष्ट्रीय अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.

हादसे में गई भतीजे की जान तो चाचा ने छेड़ दिया सड़क सुरक्षा अभियान, केंद्र से मिला सम्मान

दर्दनाक हादसे से मिली प्रेरणा

आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस शख्स को ऐसा क्या सूझा कि वो इस तरह का काम करने लगा है. ये काम तो सड़क विभाग और सरकारों का है, तो हम आपको बता दें कि शमशेर कुंडू को इस काम करने की प्रेरणा एक दर्दनाक हादसे से मिली है. शमशेर सिंह कुंडू बताते हैं कि उनका 19 वर्षीय भतीजा नवीन 8 सितम्बर 2016 को बाइक पर खेत की ओर जा रहा था, तभी सामने से आ रहे ट्रैक्टर ने नवीन को टक्कर मार दी, जिसके 2 दिन बाद नवीन की मौत हो गई.

भतीजे को समर्पित किया सम्मान

इस हादसे के बाद उन्होंने अपने भतीजे की याद में वैल्फेयर सोसायटी शुरू करके सड़क सुरक्षा से जुड़ा अभियान शुरू किया. जिससे किसी को हादसे में अपनी जान न गंवानी पड़े. शमशेर कुंडू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मिले सम्मान को भी अपने दिवंगत भतीजे नवीन कुंडू को समर्पित कर दिया.

ये पढ़ें- मुश्किल घड़ी में नूंह के किसानों का सहारा बनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, हजारों ने उठाया लाभ

युवाओं को भी करते हैं जागरुक

शमशेर कुंडू सड़क सुरक्षा को लेकर 24 घंटे तैयार रहते हैं. किसी भी समय कोई सूचना मिलने पर वह तुरंत मौके पर पहुंचकर उसका समाधान करवाने का प्रयास करते हैं. साढे चार साल से हिसार ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिलों में स्कूल कॉलेज और शिक्षण स्थानों में जाकर युवाओं को रोड सेफ्टी के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने राज्य भर में टूटे हुए रोड को चयनित कर अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर उनकी मरम्मत करवाने का काम भी किया है.

'लोगों की लापरवाही मौत की वजह है'

शमशेर कुंडू का कहना है कि जब कोई व्यक्ति घर से निकलता है. वो हेलमेट तो हाथ में ले लेता है, लेकिन पहनने की बजाय बाइक पर टांग देता है. लोग हेलमेट तब पहनते हैं जो कुछ दूरी पर कोई पुलिस कर्मचारी खड़ा दिखाई दे. कुंडू कहते हैं कि यही लापरवाही हादसे में लोगों की मौत का मुख्य कारण है.

ये पढ़ें- बड़े शहरों का स्टेटस सिंबल बना गेटेड सोसायटी में रहना, इसके हैं कई फायदे

'सड़क हादसों में ज्यादा मरते हैं ग्रामीण'

शमशेर कुंडू का मानना है कि सड़क हादसों में ग्रामीण लोग ज्यादा मरते हैं, लेकिन प्रशासन की सड़क सुरक्षा सप्ताह सिर्फ शहरों तक ही सीमित है. उनका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सड़क सुरक्षा जागरुकता से जोड़ा जाए. उनका सपना है कि प्रदेश के हर गांव को जोड़कर सड़क सुरक्षा को लेकर काम करें और हरियाणा के सभी क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना बहुल क्षेत्र) को खत्म किया जा सके.

बचा चुके हैं सैकड़ों जानें

दावा किया जाता है कि हरियाणा में ब्लैक स्पॉट्स का ग्राफ कम करने में शमशेर कुंडू का सराहनीय योगदान है. वो अपने अभियानों से आजतक हजारों लोगों को जोड़ चुके हैं और सैकड़ों की जान बचा चुके हैं. इन्होंने अब प्रण लिया है कि यह जीवन सड़क सुरक्षा को लेकर काम करते रहेंगे, ताकि दुर्घटनाओं कोई अपना भाई या बेटा ना गवां दे.

हिसार: हर रोज हमारे देश में 415 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं, याना हर तीन मिनट में एक शख्स सड़क पर अपनी जान गवां रहा है, फिर भी बहुत से ऐसे लोग मिल जाते हैं जो यातायात के नियमों की बिल्कुल परवाह नहीं करते, लेकिन हमारे समाज में शमशेर कुंडू जैसे लोग भी हैं, जो लगातार इस कोशिश में लगे हैं कि सड़क पर किसी की मौत ना हो जाए.

40 वर्षीय शमशेर कुंडू हिसार के छोटे से गांव पाबड़ा में रहते हैं. पिछले साढ़े 4 साल से शमशेर कुंडू लोगों को सेफ्टी के बारे में जागरुक कर रहे हैं. वो अपने घर-बार की फिक्र छोड़ सड़क सुरक्षा के लिए अपना सारा समय देते हैं. यही वजह है कि शमशेर कुंडू को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से राष्ट्रीय अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.

हादसे में गई भतीजे की जान तो चाचा ने छेड़ दिया सड़क सुरक्षा अभियान, केंद्र से मिला सम्मान

दर्दनाक हादसे से मिली प्रेरणा

आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस शख्स को ऐसा क्या सूझा कि वो इस तरह का काम करने लगा है. ये काम तो सड़क विभाग और सरकारों का है, तो हम आपको बता दें कि शमशेर कुंडू को इस काम करने की प्रेरणा एक दर्दनाक हादसे से मिली है. शमशेर सिंह कुंडू बताते हैं कि उनका 19 वर्षीय भतीजा नवीन 8 सितम्बर 2016 को बाइक पर खेत की ओर जा रहा था, तभी सामने से आ रहे ट्रैक्टर ने नवीन को टक्कर मार दी, जिसके 2 दिन बाद नवीन की मौत हो गई.

भतीजे को समर्पित किया सम्मान

इस हादसे के बाद उन्होंने अपने भतीजे की याद में वैल्फेयर सोसायटी शुरू करके सड़क सुरक्षा से जुड़ा अभियान शुरू किया. जिससे किसी को हादसे में अपनी जान न गंवानी पड़े. शमशेर कुंडू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मिले सम्मान को भी अपने दिवंगत भतीजे नवीन कुंडू को समर्पित कर दिया.

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युवाओं को भी करते हैं जागरुक

शमशेर कुंडू सड़क सुरक्षा को लेकर 24 घंटे तैयार रहते हैं. किसी भी समय कोई सूचना मिलने पर वह तुरंत मौके पर पहुंचकर उसका समाधान करवाने का प्रयास करते हैं. साढे चार साल से हिसार ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिलों में स्कूल कॉलेज और शिक्षण स्थानों में जाकर युवाओं को रोड सेफ्टी के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने राज्य भर में टूटे हुए रोड को चयनित कर अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर उनकी मरम्मत करवाने का काम भी किया है.

'लोगों की लापरवाही मौत की वजह है'

शमशेर कुंडू का कहना है कि जब कोई व्यक्ति घर से निकलता है. वो हेलमेट तो हाथ में ले लेता है, लेकिन पहनने की बजाय बाइक पर टांग देता है. लोग हेलमेट तब पहनते हैं जो कुछ दूरी पर कोई पुलिस कर्मचारी खड़ा दिखाई दे. कुंडू कहते हैं कि यही लापरवाही हादसे में लोगों की मौत का मुख्य कारण है.

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'सड़क हादसों में ज्यादा मरते हैं ग्रामीण'

शमशेर कुंडू का मानना है कि सड़क हादसों में ग्रामीण लोग ज्यादा मरते हैं, लेकिन प्रशासन की सड़क सुरक्षा सप्ताह सिर्फ शहरों तक ही सीमित है. उनका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सड़क सुरक्षा जागरुकता से जोड़ा जाए. उनका सपना है कि प्रदेश के हर गांव को जोड़कर सड़क सुरक्षा को लेकर काम करें और हरियाणा के सभी क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना बहुल क्षेत्र) को खत्म किया जा सके.

बचा चुके हैं सैकड़ों जानें

दावा किया जाता है कि हरियाणा में ब्लैक स्पॉट्स का ग्राफ कम करने में शमशेर कुंडू का सराहनीय योगदान है. वो अपने अभियानों से आजतक हजारों लोगों को जोड़ चुके हैं और सैकड़ों की जान बचा चुके हैं. इन्होंने अब प्रण लिया है कि यह जीवन सड़क सुरक्षा को लेकर काम करते रहेंगे, ताकि दुर्घटनाओं कोई अपना भाई या बेटा ना गवां दे.

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