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इंडियन रॉक पायथन को रास आ रही हिसार की जलवायु! लगातार दोगुनी हो रही संख्या

हिसार की जलवायु इंडियन रॉक पायथनों को रास आ रही है. वैसे तो ये प्रजाति अरावली की पहाड़ियों में पाए जाती है, लेकिन अब हिसार में इनकी संख्या लगातार दोगुनी हो रही है.

indian rock python increasing hisar
इंडियन रॉक पायथन को रास आ रही हिसार की जलवायु!
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Published : Mar 27, 2021, 8:01 PM IST

हिसार: अरावली की पहाड़ियों में पाए जाने वाले इंडियन रॉक पायथन को हिसार की जलवायु रास आ रही है. यही वजह है कि आए दिन हिसार में इंडियन रॉक पायथन मिल रहे हैं. वैसे तो ये अजगर दलदल वाले या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, लेकिन अब हिसार में भी इन्हें देखा जाने लगा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 15 फीट लंबे पायथन तक हिसार में मिल चुके हैं.

इंडियन रॉक पायथन को रास आ रही हिसार की जलवायु!

इंडियन रॉक पायथन हिसार में सबसे ज्यादा एयरपोर्ट क्षेत्र की जमीन या इसके आसपास के इलाकों में मिल रहे हैं. वन विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वरदास ने कहा कि हिसार की जलवायु पायथन के लिए बेहतर नजर आ रही है. वैसे तो ये प्रजाति अरावली की पहाड़ियों में पाए जाती है. संभावना है कि इंडियन रॉक पायथन का कोई जोड़ा नहर के जरिए हिसार में आ गया होगा.

वन विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वरदास ने बताया कि पिछले कई सालों में विभाग को पायथन के बच्चे भी मिले है यानि इनका प्रज्जनन भी यहां हो रहा है. ऐसे में हिसार की जलवायु में ये अपना जीवन आसानी से बसर कर पा रहे है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास इनकी संख्या बढ़ी है.

ये भी पढ़िए: ये है सिरसा का स्नेक कैचर, अब तक 23 हजार से ज्यादा सांपों का कर चुका है रेस्क्यू

उधर वन्यजीवों के लिए काम करने वाली एक संस्था के अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने कहा कि हिसार में इन अजगरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में सरकार को यहां वन्यजीव विभाग के एक्सपर्ट के जरिए सर्वे करवाना चाहिए.

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हिसार में लगातार बढ़ रही पायथनों की संख्या

ये भी पढ़िए: साइबर सिटी में जहरीली फुंकार से बचके, 1 साल में 1200 सांप किए जा चुके हैं रेस्क्यू

जिस तरह से हिसार में पिछले कई सालों में वन्यजीव खासकर इंडियन रॉक पायथन मिल रहे हैं. उससे ये लगता है कि हिसार रेंज में वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण या जमीन हो सकती है. ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देनी की जरूरत है, ताकि ऐसे वन्यजीवों के लिए हिसार में ही संरक्षण केंद्र बनाया जा सके.

हिसार: अरावली की पहाड़ियों में पाए जाने वाले इंडियन रॉक पायथन को हिसार की जलवायु रास आ रही है. यही वजह है कि आए दिन हिसार में इंडियन रॉक पायथन मिल रहे हैं. वैसे तो ये अजगर दलदल वाले या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, लेकिन अब हिसार में भी इन्हें देखा जाने लगा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 15 फीट लंबे पायथन तक हिसार में मिल चुके हैं.

इंडियन रॉक पायथन को रास आ रही हिसार की जलवायु!

इंडियन रॉक पायथन हिसार में सबसे ज्यादा एयरपोर्ट क्षेत्र की जमीन या इसके आसपास के इलाकों में मिल रहे हैं. वन विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वरदास ने कहा कि हिसार की जलवायु पायथन के लिए बेहतर नजर आ रही है. वैसे तो ये प्रजाति अरावली की पहाड़ियों में पाए जाती है. संभावना है कि इंडियन रॉक पायथन का कोई जोड़ा नहर के जरिए हिसार में आ गया होगा.

वन विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वरदास ने बताया कि पिछले कई सालों में विभाग को पायथन के बच्चे भी मिले है यानि इनका प्रज्जनन भी यहां हो रहा है. ऐसे में हिसार की जलवायु में ये अपना जीवन आसानी से बसर कर पा रहे है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास इनकी संख्या बढ़ी है.

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उधर वन्यजीवों के लिए काम करने वाली एक संस्था के अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने कहा कि हिसार में इन अजगरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में सरकार को यहां वन्यजीव विभाग के एक्सपर्ट के जरिए सर्वे करवाना चाहिए.

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हिसार में लगातार बढ़ रही पायथनों की संख्या

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जिस तरह से हिसार में पिछले कई सालों में वन्यजीव खासकर इंडियन रॉक पायथन मिल रहे हैं. उससे ये लगता है कि हिसार रेंज में वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण या जमीन हो सकती है. ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देनी की जरूरत है, ताकि ऐसे वन्यजीवों के लिए हिसार में ही संरक्षण केंद्र बनाया जा सके.

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