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HAU में प्रथम आइडिया इन्वेस्टर मीट का शुभारंभ

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थित एबिक सेंटर की सफलता पर ही नाबार्ड भविष्य की योजनाएं तैयार करेगा जो स्टार्टअप्स को आगे बढने का मौका देंगी.

Investor Meet for startups at ABIC
एबिक में स्टार्टअप्स के लिए प्रथम आइडिया इन्वेस्टर मीट का शुभारंभ
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Published : Dec 5, 2020, 1:56 PM IST

हिसार: एबिक (एग्रीबिजनेस इन्क्यूवेशन सेंटर) द्वारा आयोजित की जाने वाले पहली इनवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक राजीव महाजन ने की, जबकि नाबार्ड मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक देवाआशीष पाड्डी विशिष्ट अतिथि थे. इस दौरान मुख्यातिथि ने एबिक केंद्र के विजन डॉक्युमेंट का भी लोकार्पण किया. मुख्यातिथि ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे उद्योग स्थापित करने से किसान और लघु उद्योगों के परिवहन का खर्च भी घट जाएगा और आमदनी में इजाफा होगाा. इसके अलावा बिचौलिया प्रथा पर भी रोक लग सकेगी.

उन्होंने कहा कि एग्री इंक्युबेटर को स्थापित करने में भारत सरकार की नाबार्ड व राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का अह्म योगदान है. अब इन्वेस्टर भी एबिक से जुडक़र एग्री स्टार्टअप्स का सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक केंद्र एक लीडर के रूप में काम करते हुए अन्य कृषि विश्वविद्यालयों में नए इंक्युबेटर सेंटर खोलने के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित हो रहा है. इससे नए एग्री इन्क्युबेशन केंद्र खोलने के लिए बनने वाली पॉलिसी में भी मदद मिलेगी.

प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि बागवानी, फल-सब्जियों और फूलों के उत्पादन की बाजार में बहुत अधिक डिमांड है. कोरोना काल में लगभग सभी उद्योग धंधे प्रभावित हुए लेकिन कृषि और इससे जुड़े उद्योगों ने देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. इसलिए इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश की संभावनाएं हैं. मीट की संयोजक एबिक की फाइनेंस मैनेजर मनीषा मणि जबकि सह-संयोजक अर्पित तनेजा ने सभी का स्वागत किया और इनवेस्टर्स मीट की विस्तृत जानकारी दी.

एबिक की सफलता पर ही निर्भर है नाबार्ड की भविष्य की योजनाएं : मुख्य महाप्रबंधक

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री देवाआशीष पाड्डी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय में स्थित एबिक सेंटर की सफलता पर ही नाबार्ड भविष्य की योजनाएं तैयार करेगा जो स्टार्टअप्स को आगे बढऩे का मौका देंगी. उन्होंने चीन से तुलना करते हुए कहा कि हमारे यहां कम इन्क्युबेशन सेंटर होने का ही परिणाम है कि चीन में इस समय करीब लाखों की संख्या में स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं जबकि भारत में अभी भी इनकी संख्या हजारों में हैं. इसलिए हमारे देश में अधिक से अधिक इस तरह के केंद्र खोलने की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वरोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें.

एबिक के मेंटर कर रहे स्टार्टअप्स की समस्याओं का समाधान : डॉ. सीमा रानी

एबिक की नोडल अधिकारी डॉ. सीमा रानी ने बताया कि एबिक केंद्र की स्थापना वर्ष 2019 में की गई थी और अब तक एबिक 25 से ज्यादा वर्कशॉप करवा चुका है. अब तक 100 से ज्यादा मेंटर एबिक के साथ जुडक़र प्रशिक्षणों के माध्यम से स्टार्टअप्स की हर समस्या का समाधान कर रहे हैं. इन्वेस्टर्स मीट में कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग और ब्रांडिग करके व्यापार को आगे बढ़ाने की संभावनाओं, युवा और किसानों के कृषि व कृषि से संबंधित उनमें विद्यमान कौशल व उनके नवाचारों को निखारने के अलावा अपना व्यवसाय स्थापित करने में आने वाली प्रारंभिक दिक्कतों, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी आवश्यकता, लाइसेंसिंग, फंडिंग, विपणन, कानूनी दिक्कत आदि को लेकर पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया.

ये भी पढे़ं- चंडीगढ़ DGP बताएं कि हॉरर किलिंग पर आपने क्या किया-HC

हिसार: एबिक (एग्रीबिजनेस इन्क्यूवेशन सेंटर) द्वारा आयोजित की जाने वाले पहली इनवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक राजीव महाजन ने की, जबकि नाबार्ड मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक देवाआशीष पाड्डी विशिष्ट अतिथि थे. इस दौरान मुख्यातिथि ने एबिक केंद्र के विजन डॉक्युमेंट का भी लोकार्पण किया. मुख्यातिथि ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे उद्योग स्थापित करने से किसान और लघु उद्योगों के परिवहन का खर्च भी घट जाएगा और आमदनी में इजाफा होगाा. इसके अलावा बिचौलिया प्रथा पर भी रोक लग सकेगी.

उन्होंने कहा कि एग्री इंक्युबेटर को स्थापित करने में भारत सरकार की नाबार्ड व राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का अह्म योगदान है. अब इन्वेस्टर भी एबिक से जुडक़र एग्री स्टार्टअप्स का सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक केंद्र एक लीडर के रूप में काम करते हुए अन्य कृषि विश्वविद्यालयों में नए इंक्युबेटर सेंटर खोलने के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित हो रहा है. इससे नए एग्री इन्क्युबेशन केंद्र खोलने के लिए बनने वाली पॉलिसी में भी मदद मिलेगी.

प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि बागवानी, फल-सब्जियों और फूलों के उत्पादन की बाजार में बहुत अधिक डिमांड है. कोरोना काल में लगभग सभी उद्योग धंधे प्रभावित हुए लेकिन कृषि और इससे जुड़े उद्योगों ने देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. इसलिए इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश की संभावनाएं हैं. मीट की संयोजक एबिक की फाइनेंस मैनेजर मनीषा मणि जबकि सह-संयोजक अर्पित तनेजा ने सभी का स्वागत किया और इनवेस्टर्स मीट की विस्तृत जानकारी दी.

एबिक की सफलता पर ही निर्भर है नाबार्ड की भविष्य की योजनाएं : मुख्य महाप्रबंधक

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री देवाआशीष पाड्डी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय में स्थित एबिक सेंटर की सफलता पर ही नाबार्ड भविष्य की योजनाएं तैयार करेगा जो स्टार्टअप्स को आगे बढऩे का मौका देंगी. उन्होंने चीन से तुलना करते हुए कहा कि हमारे यहां कम इन्क्युबेशन सेंटर होने का ही परिणाम है कि चीन में इस समय करीब लाखों की संख्या में स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं जबकि भारत में अभी भी इनकी संख्या हजारों में हैं. इसलिए हमारे देश में अधिक से अधिक इस तरह के केंद्र खोलने की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वरोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें.

एबिक के मेंटर कर रहे स्टार्टअप्स की समस्याओं का समाधान : डॉ. सीमा रानी

एबिक की नोडल अधिकारी डॉ. सीमा रानी ने बताया कि एबिक केंद्र की स्थापना वर्ष 2019 में की गई थी और अब तक एबिक 25 से ज्यादा वर्कशॉप करवा चुका है. अब तक 100 से ज्यादा मेंटर एबिक के साथ जुडक़र प्रशिक्षणों के माध्यम से स्टार्टअप्स की हर समस्या का समाधान कर रहे हैं. इन्वेस्टर्स मीट में कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग और ब्रांडिग करके व्यापार को आगे बढ़ाने की संभावनाओं, युवा और किसानों के कृषि व कृषि से संबंधित उनमें विद्यमान कौशल व उनके नवाचारों को निखारने के अलावा अपना व्यवसाय स्थापित करने में आने वाली प्रारंभिक दिक्कतों, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी आवश्यकता, लाइसेंसिंग, फंडिंग, विपणन, कानूनी दिक्कत आदि को लेकर पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया.

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