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हिसारः गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, पूर्व से आने वाली हवाएं पहुंचाएंगी ठंडक

उत्तर भारत में लगातार गर्मी का प्रकोप जारी है. आलम ये है कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में तापमान 45 के पार पहुंच गय है. वहीं हिसार में भी चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विभाग की ओर से तापमान 44 डिग्री बताया गया.

गर्मी से लोग परेशान
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Published : Jun 4, 2019, 5:26 PM IST

हिसार: प्रदेशभर में पिछले 1 हफ्ते से गर्मी का प्रकोप जारी है. आम जनजीवन पर गर्मी का असर पड़ा है. वहीं पशु-पक्षी भी पानी की खोज में इधर-उधर घूम रहे हैं. हिसार जिले का अधिकतम तापमान अब तक लगभग 44 डिग्री दर्ज किया गया है. हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है. हालांकि पूर्व की तरफ से आने वाली हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है और तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है.

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ मदन लाल खिचड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 1 हफ्ते से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही थी. लेकिन अब पूर्वी हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है. मंगलवार को हिसार में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.

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उन्होंने बताया कि 5 और 6 जून को पश्चिमी विक्षोभ पंजाब से होकर गुजरेगा जिसके कारण हरियाणा में भी पंजाब से लगते जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है. जिसके कारण हरियाणा के कई इलाकों में तापमान में गिरावट आ सकती है.

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर मदनलाल खीचड़ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसानों को शाम के समय सिंचाई करनी चाहिए. ताकि पानी का वैश्वीकरण कम हो और फसलों को उस पानी का अधिक से अधिक लाभ मिल पाए. वहीं नरमा और कपास की बिजाई करने वाले किसानों को भी फसल की बुवाई शाम के समय करनी चाहिए, ताकि बीज में नमी अधिक समय तक बनी रहे और बीज जल्दी अंकुरित हो जाये.

हिसार: प्रदेशभर में पिछले 1 हफ्ते से गर्मी का प्रकोप जारी है. आम जनजीवन पर गर्मी का असर पड़ा है. वहीं पशु-पक्षी भी पानी की खोज में इधर-उधर घूम रहे हैं. हिसार जिले का अधिकतम तापमान अब तक लगभग 44 डिग्री दर्ज किया गया है. हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है. हालांकि पूर्व की तरफ से आने वाली हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है और तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है.

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ मदन लाल खिचड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 1 हफ्ते से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही थी. लेकिन अब पूर्वी हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है. मंगलवार को हिसार में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.

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उन्होंने बताया कि 5 और 6 जून को पश्चिमी विक्षोभ पंजाब से होकर गुजरेगा जिसके कारण हरियाणा में भी पंजाब से लगते जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है. जिसके कारण हरियाणा के कई इलाकों में तापमान में गिरावट आ सकती है.

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर मदनलाल खीचड़ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसानों को शाम के समय सिंचाई करनी चाहिए. ताकि पानी का वैश्वीकरण कम हो और फसलों को उस पानी का अधिक से अधिक लाभ मिल पाए. वहीं नरमा और कपास की बिजाई करने वाले किसानों को भी फसल की बुवाई शाम के समय करनी चाहिए, ताकि बीज में नमी अधिक समय तक बनी रहे और बीज जल्दी अंकुरित हो जाये.

Intro:एंकर --- प्रदेशभर में पिछले 1 हफ्ते से गर्मी का प्रकोप जारी है। आम जनजीवन गर्मी से त्रस्त है। वही पशु-पक्षी भी पानी की खोज में व्याकुल हैं। हिसार जिले का अधिकतम तापमान अब तक लगभग 46 डिग्री हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में दर्ज किया गया है। हालांकि पूर्व की तरफ से आने वाली हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है और तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया है।

वीओ--- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ मदन लाल खिचड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 1 हफ्ते से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन अब पूर्वी हवाओं के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है। मंगलवार को हिसार में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि 5 और 6 जून को पश्चिमी विक्षोभ पंजाब से होकर गुजरेगा जिसके कारण हरियाणा में भी पंजाब से लगते जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 8 जून तक लगभग 2 डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट आने की आशंका है।





Body:वीओ --- वही डॉक्टर मदनलाल खीचड़ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा की किसानों को शाम के समय सिंचाई करनी चाहिए ताकि पानी का वैश्वीकरण कम हो और फसलों को उस पानी का अधिक से अधिक लाभ मिल पाए। वही नरमे और कपास की बिजाई करने वाले किसानों को भी फसल की बुवाई शाम के समय करनी चाहिए ताकि बीज में नमी अधिक समय तक बनी रहे और जल्द अंकुरित हो जाएं।

बाइट --- डॉ मदन लाल खींचड़, चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार।


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