हिसार: रेमडेसिविर की हिसार में बीते कई दिनों से बड़े स्तर पर कालाबाजारी हो रही है. आरोप है कि शहर के एक अस्पताल के एक मेडिकल स्टोर मालिक अरुण खुराना रेमडेसिविर को ब्लैक कर 40,000 रुपए में बेच रहा था.
इस मामले में पुलिस ने एक नकली ग्राहक बनाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है. इस मामले में अरुण खुराना के साथ भतीजे पार्थ खुराना को भी गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस ने तीसरे आरोपी आरोपी को पुलिस ने सोमवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसका दो दिन का रिमांड हासिल किया है.
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दिल्ली से रेमडेसिविर लाया था आरोपी
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी मुकेश ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही दिल्ली में अपने एक परिचित से सात हजार रुपये में बिल पर खरीदकर लाया था. पुलिस पूछताछ में मुकेश ने बताया कि उसके परिचित के परिवार का एक सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया था. उसके देहांत के बाद मृतक के परिजनों ने सात हजार रुपये में ये टीके मुकेश को बेच दिए थे.
मुकेश ने बताया कि वह योगेश नाम के एक शख्स के लाइसेंस पर चल रहे मेडिकल स्टोर में बैठता है. आरोपी को दो दिन की रिमांड अवधि में पुलिस दिल्ली लेकर जाएगी. वहां मुकेश के परिचितों के बारे में पता लगाकर उनसे भी पूछताछ करेगी.
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रेमडेसिविर कालाबजारी में दो शख्स हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि केमिस्ट होलसेल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजीव खुराना के भाई मुल्तानी चौक निवासी अरुण खुराना और भतीजे पार्थ खुराना को पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर स्टिंग ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया.