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हिसार नगर निगम की एक पहल ने बदल दी सार्वजनिक शौचालयों की तस्वीर, दूसरों के लिए बन गया नजीर

सार्वजनिक शौचालयों को लेकर हिसार नगर निगम कमिश्नर की (Hisar Municipal Corporation) अनोखी पहल अब रंग ला रही है. दरअसल निगम कमिश्नर ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे निगम के सार्वजनिक शौचालयों की तस्वीर बदल गई (Hisar Public Toilet) है. अब सार्वजनिक शौचालय साफ-सुथरे व चमकते नजर आते हैं.

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हिसार में सार्वजनिक शौचायलय साफ नजर आ रहे हैं.
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Published : Nov 23, 2021, 5:11 PM IST

हिसार: अक्सर विभागों के कार्यालय की या फिर शहर के सार्वजनिक शौचालयों की बात की जाए उनको इस्तेमाल करना तो दूर की बात है उनके पास से गुजरने में भी बदबू आती है. सार्वजनिक शौचालयों को लेकर हिसार नगर निगम कमिश्नर (Hisar Municipal Corporation) की अनोखी पहल अब रंग ला रही है. दरअसल निगम कमिश्नर ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे निगम के सार्वजनिक शौचालयों (Hisar Public Toilet) की तस्वीर बदल गई है. अब सार्वजनिक शौचालय साफ-सुथरे व चमकते नजर आते हैं.

हिसार नगर निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने निगम के सभी अधिकारियों के साथ मिलकर अधिकारियों के पर्सनल टॉयलेट को ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली है. इसको लेकर कमिश्नर की तरफ से बकायदा आदेश जारी किए गए हैं. आदेश में साफ कहा गया है कि अब सभी अधिकारी अपने पर्सनल टॉयलेट की बजाए सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करेंगे. अब अधिकारी भी इस पहल में शामिल होकर सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे सफाई कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति कोताही नहीं बरत पाते. डर बना रहता है कि किसी वक्त भी अधिकारी टॉयलेट में आ सकते हैं. अगर गंदगी मिली तो उन पर कोई एक्शन भी हो सकता है. इसलिए अब नगर निगम के सर्वाधिक चमाचम दिखाई देते हैं.

हिसार नगर निगम की एक पहल ने बदल दी सार्वजनिक शौचालयों की तस्वीर, दूसरों के लिए बन गया नजीर

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में बनने जा रहा देश का पहला पैरा स्पोर्ट्स सेंटर, मिलेंगी ये सुविधाएं

निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह फैसला सब अधिकारियों की सहमति से लिया गया है. इसके पीछे मकसद यह है कि अधिकारियों के जो अटैच टॉयलेट्स हैं वह तो साफ-सुथरे रहते हैं. हालांकि पब्लिक व स्टाफ के लिए सार्वजनिक शौचालय गंदे रहते हैं. यह कार्यालय जनता के लिए हैं. अधिकारियों और जनता के टॉयलेट में कोई फर्क नहीं रहना चाहिए. जनता को यह नहीं लगना चाहिए कि अधिकारी उन पर मालिक बनकर बैठे हुए हैं.अगर अधिकारी पब्लिक टॉयलेट्स को इस्तेमाल करेंगे तो वे शौचालय साफ रहेंगे. शहर के पब्लिक टॉयलेट्स को सीनियर अधिकारियों में बांटा जाएगा ताकि वे उनका निरीक्षण करते रहे और साफ-सफाई बनी रहे.

नगर निगम के इस फैसले को लेकर जनता ने बड़ी सराहना की है.आम लोगों का कहना है कि नगर निगम की तरफ से बहुत बढ़िया फैसला लिया गया है.वरना सार्वजनिक शौचालय का यह हाल रहता है कि इस्तेमाल करना तो दूर उनके पास खड़े होने पर भी बदबू आती है.आकाश ने कहा कि मैं तो इस फैसले से बहुत खुश हूं अब सार्वजनिक शौचालय की हालत कुछ ठीक है, अब अगर अधिकारी ने इस्तेमाल करेंगे तो सफाई कर्मचारी पर भी प्रेशर रहेगा और सफाई टाइम पर होती रहेगी.

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शहर के सामाजिक मुद्दों पर समय-समय पर आवाज उठाने वाले एक्टिविस्ट अरुण सिहाग ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने बहुत ही अच्छा फैसला लिया है. अब पब्लिक टॉयलेट्स पर अधिकारियों की नजर रहेगी तो काम भी सही से होगा. आगे चलकर इसके अच्छे परिणाम भी सामने आएंगे. क्योंकि कोई भी आदेश पास होने के बाद कई बार अधिकारी इंस्पेक्शन नहीं कर पाते. 10 दिन 15 दिन बाद उन आदेशों की पालन नहीं हो पाता. लेकिन टॉयलेट का इस्तेमाल तो अधिकारी को भी रोजाना करना होता है. ऐसे में सफाई कर्मचारी काम करेंगे और सफाई रहेगी. इस तरह के अधिकारी हर डिपार्टमेंट में होने चाहिए.

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हिसार: अक्सर विभागों के कार्यालय की या फिर शहर के सार्वजनिक शौचालयों की बात की जाए उनको इस्तेमाल करना तो दूर की बात है उनके पास से गुजरने में भी बदबू आती है. सार्वजनिक शौचालयों को लेकर हिसार नगर निगम कमिश्नर (Hisar Municipal Corporation) की अनोखी पहल अब रंग ला रही है. दरअसल निगम कमिश्नर ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे निगम के सार्वजनिक शौचालयों (Hisar Public Toilet) की तस्वीर बदल गई है. अब सार्वजनिक शौचालय साफ-सुथरे व चमकते नजर आते हैं.

हिसार नगर निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने निगम के सभी अधिकारियों के साथ मिलकर अधिकारियों के पर्सनल टॉयलेट को ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली है. इसको लेकर कमिश्नर की तरफ से बकायदा आदेश जारी किए गए हैं. आदेश में साफ कहा गया है कि अब सभी अधिकारी अपने पर्सनल टॉयलेट की बजाए सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करेंगे. अब अधिकारी भी इस पहल में शामिल होकर सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे सफाई कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति कोताही नहीं बरत पाते. डर बना रहता है कि किसी वक्त भी अधिकारी टॉयलेट में आ सकते हैं. अगर गंदगी मिली तो उन पर कोई एक्शन भी हो सकता है. इसलिए अब नगर निगम के सर्वाधिक चमाचम दिखाई देते हैं.

हिसार नगर निगम की एक पहल ने बदल दी सार्वजनिक शौचालयों की तस्वीर, दूसरों के लिए बन गया नजीर

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निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह फैसला सब अधिकारियों की सहमति से लिया गया है. इसके पीछे मकसद यह है कि अधिकारियों के जो अटैच टॉयलेट्स हैं वह तो साफ-सुथरे रहते हैं. हालांकि पब्लिक व स्टाफ के लिए सार्वजनिक शौचालय गंदे रहते हैं. यह कार्यालय जनता के लिए हैं. अधिकारियों और जनता के टॉयलेट में कोई फर्क नहीं रहना चाहिए. जनता को यह नहीं लगना चाहिए कि अधिकारी उन पर मालिक बनकर बैठे हुए हैं.अगर अधिकारी पब्लिक टॉयलेट्स को इस्तेमाल करेंगे तो वे शौचालय साफ रहेंगे. शहर के पब्लिक टॉयलेट्स को सीनियर अधिकारियों में बांटा जाएगा ताकि वे उनका निरीक्षण करते रहे और साफ-सफाई बनी रहे.

नगर निगम के इस फैसले को लेकर जनता ने बड़ी सराहना की है.आम लोगों का कहना है कि नगर निगम की तरफ से बहुत बढ़िया फैसला लिया गया है.वरना सार्वजनिक शौचालय का यह हाल रहता है कि इस्तेमाल करना तो दूर उनके पास खड़े होने पर भी बदबू आती है.आकाश ने कहा कि मैं तो इस फैसले से बहुत खुश हूं अब सार्वजनिक शौचालय की हालत कुछ ठीक है, अब अगर अधिकारी ने इस्तेमाल करेंगे तो सफाई कर्मचारी पर भी प्रेशर रहेगा और सफाई टाइम पर होती रहेगी.

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शहर के सामाजिक मुद्दों पर समय-समय पर आवाज उठाने वाले एक्टिविस्ट अरुण सिहाग ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने बहुत ही अच्छा फैसला लिया है. अब पब्लिक टॉयलेट्स पर अधिकारियों की नजर रहेगी तो काम भी सही से होगा. आगे चलकर इसके अच्छे परिणाम भी सामने आएंगे. क्योंकि कोई भी आदेश पास होने के बाद कई बार अधिकारी इंस्पेक्शन नहीं कर पाते. 10 दिन 15 दिन बाद उन आदेशों की पालन नहीं हो पाता. लेकिन टॉयलेट का इस्तेमाल तो अधिकारी को भी रोजाना करना होता है. ऐसे में सफाई कर्मचारी काम करेंगे और सफाई रहेगी. इस तरह के अधिकारी हर डिपार्टमेंट में होने चाहिए.

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