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CAA पर दो धड़ो में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्र, कुछ ने जताया विरोध के कुछ ने किया समर्थन

गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्र संगठनो ने नागरिकता संशोधन कानून पर मार्च निकाला. यहां कुछ छात्र इस कानून के विरोध में दिखे तो वहीं कुछ छात्र समर्थन में दिखे.

hisar guru jambheshwar university students protest
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Published : Dec 20, 2019, 8:05 AM IST

हिसार: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध के सुर उठ रहे हैं. केंद्र सरकार बिल को संसद में लेकर आई जहां बहुमत मिलने पर कानून बन गया है. कानून बनने पर देश के कई राज्यों में इसका भीषण विरोध शुरू हुआ. विरोध ने इतना उग्र रूप ले लिया कि देश के हजारों करोड़ की राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हुआ है.

छात्रों ने निकाला मार्च

देश और प्रदेश के विश्वविद्यालय भी सीएए के विरोध से अछूते नहीं रहे. दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में भी एक्ट का विरोध हुआ. विरोध के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच विवाद ने एक अलग रूप ले लिया है. जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के समर्थन और एक्ट के विरोध में हिसार की गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने मार्च निकाला.

CAA पर दो धड़ो में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्र, देखें वीडियो

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन

इस विरोध प्रदर्शन की छवि अलग ही देखने को मिली. चंद कदमों के दूरी पर कुछ छात्रों ने शांति से इस बिल का विरोध किया तो वहीं कुछ अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद के छात्रों ने बिल का समर्थन किया. साथ ही छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई को भी जयज ठहराया.

बिल के समर्थन में एबीवीपी छात्र

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव कादियान ने कहा कि नागरिक संशोधन एक्ट का विरोध नहीं किया जाना चाहिए. जब भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद और कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराया जाता था ये वही लोग हैं जो घुसपैठ करके भारत आए हैं. सरकार केवल इनको ही बाहर करना चाहती है. उनके संगठन एनआरसी और सीएए के समर्थन में ध्वज यात्रा निकाली है.

ये भी पढ़ें:- हिसारः विश्व रिकॉर्ड बनाकर घर वापस लौटे संदीप आर्य, रेलवे स्टेशन पर हुआ स्वागत

छात्र नेता अमरजीत ने कहा कि सभी छात्र संगठनों ने मिलकर जामिया में सरकार के आदेशों पर पुलिस की गलत कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन किया है. वहीं सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का विरोध भी किया जा रहा है. धर्म के आधार पर यदि उत्पीड़न किया जाएगा तो आम आदमी कहां जाएगा. देश के यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने सरकार के दबाव में आकर छात्रों को इस एक्ट का विरोध करने की स्वीकृति नहीं दी है.

हिसार: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध के सुर उठ रहे हैं. केंद्र सरकार बिल को संसद में लेकर आई जहां बहुमत मिलने पर कानून बन गया है. कानून बनने पर देश के कई राज्यों में इसका भीषण विरोध शुरू हुआ. विरोध ने इतना उग्र रूप ले लिया कि देश के हजारों करोड़ की राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हुआ है.

छात्रों ने निकाला मार्च

देश और प्रदेश के विश्वविद्यालय भी सीएए के विरोध से अछूते नहीं रहे. दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में भी एक्ट का विरोध हुआ. विरोध के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच विवाद ने एक अलग रूप ले लिया है. जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के समर्थन और एक्ट के विरोध में हिसार की गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने मार्च निकाला.

CAA पर दो धड़ो में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्र, देखें वीडियो

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन

इस विरोध प्रदर्शन की छवि अलग ही देखने को मिली. चंद कदमों के दूरी पर कुछ छात्रों ने शांति से इस बिल का विरोध किया तो वहीं कुछ अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद के छात्रों ने बिल का समर्थन किया. साथ ही छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई को भी जयज ठहराया.

बिल के समर्थन में एबीवीपी छात्र

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव कादियान ने कहा कि नागरिक संशोधन एक्ट का विरोध नहीं किया जाना चाहिए. जब भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद और कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराया जाता था ये वही लोग हैं जो घुसपैठ करके भारत आए हैं. सरकार केवल इनको ही बाहर करना चाहती है. उनके संगठन एनआरसी और सीएए के समर्थन में ध्वज यात्रा निकाली है.

ये भी पढ़ें:- हिसारः विश्व रिकॉर्ड बनाकर घर वापस लौटे संदीप आर्य, रेलवे स्टेशन पर हुआ स्वागत

छात्र नेता अमरजीत ने कहा कि सभी छात्र संगठनों ने मिलकर जामिया में सरकार के आदेशों पर पुलिस की गलत कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन किया है. वहीं सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का विरोध भी किया जा रहा है. धर्म के आधार पर यदि उत्पीड़न किया जाएगा तो आम आदमी कहां जाएगा. देश के यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने सरकार के दबाव में आकर छात्रों को इस एक्ट का विरोध करने की स्वीकृति नहीं दी है.

Intro:एंकर - केंद्र सरकार सिटिजन अमेंडमेंट बिल लेकर आई जिसके विरोध के सुर देश के राजनीतिक गलियारों में शुरू हुआ। केंद्र सरकार बिल को संसद में लेकर आई जहां बहुमत मिलने पर सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का रूप ले लिया। एक्ट बनने के बाद देश के कई राज्यों में इसका भीषण विरोध शुरू हुआ। विरोध ने इतना उग्र रूप ले लिया कि देश के हजारों करोड़ की राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हुआ।

देश और प्रदेश के विश्वविद्यालय भी सीएए के विरोध से अछूते नहीं रहे। दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में भी एक्ट का विरोध हुआ। विरोध के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच विवाद ने एक अलग रूप ले लिया है। जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के समर्थन और एक्ट के विरोध में हिसार की गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी छात्र संगठनों ने विरोध मार्च निकाला। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी एक्ट और जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस की कार्यवाही का समर्थन किया है।

हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया गया जिसमें दोनों छात्र संगठनों ने अपने अपने विवेक से एक्ट का विरोध और समर्थन किया।




Body:वीओ - छात्र नेता अमरजीत ने बताया कि सभी छात्र संगठनों ने मिलकर जामिया में सरकार के आदेशों पर पुलिस की गलत कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन किया है। वहीं सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट का विरोध भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर यदि उत्पीड़न किया जाएगा तो आम आदमी कहां जाएगा। देश के यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने सरकार के दबाव में आकर छात्रों को इस एक्ट का विरोध करने की स्वीकृति नहीं दी है।

देश के अनेक हिस्सों में हो रही आगजनी और अराजकता को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने माना है कि जामिया में हिंसा छात्रों ने नहीं बल्कि भीड़ के द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि वह सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को जायज नहीं ठहराते और ना ही ऐसा कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि छात्र विद्रोही हो सकता है लेकिन देशद्रोही कभी नहीं हो सकता है।

बाइट - अमरजीत छात्र नेता।

वीओ - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता गौरव कादियान ने कहा कि नागरिक संशोधन एक्ट का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान जिंदाबाद और कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराया जाता था यह वही है जो घुसपैठ करके भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल इनको ही बाहर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन एनआरसी और सीएए के समर्थन में ध्वज यात्रा निकाल रहा है।

जामिया की घटना को लेकर गौरव कादियान ने कहा कि विरोध करने का अधिकार सबको है लेकिन यदि हिंसक रूप से विरोध किया जाएगा तो पुलिस की कार्यवाही जायज है। उन्होंने कहा कि यदि छात्र अपनी लाइब्रेरी को नुकसान करेगी तो पुलिस यही करेगी।

बाइट - गौरव कादयान , छात्र नेता एबीवीपी।


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